केन्द्र व राज्य सरकार ने जनता को बनाया बलि का बकरा
सुनील कुमार माथुर
पेट्रोल व डीजल के दामों को कम करने की बात को लेकर केन्द्र व राज्य सरकार के बीच की कशमकश को लेकर राजस्थान की जनता बलि का बकरा बनी हुई है । केन्द्र सरकार ने पेट्रोल व डीजल के दामों में मामूली सी कटौती कर भले ही जनता को राहत पहुंचाने का प्रयास किया है लेकिन हकीकत में यह ऊंट के मुंह में जीरे के समान है ।
केन्द्र सरकार ध्दारा दामों में मामूली सी कटौती करने के बाद कई राज्य सरकारों ने भी जनता को राहत पहुंचाने का प्रयास किया है लेकिन राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने अभी तक कोई राहत की घोषणा नहीं की हैं और गहलोत अभी भी केन्द्र सरकार से राहत की मांग कर रहें है । अपने आप को लोक कल्याणकारी सरकार कहने वाली दोनों सरकारों ने जनता-जनार्दन को दोनों हाथों से खूब लूटा और अपना खजाना भर लिया और जनता-जनार्दन को नीम्बू की तरह निचोड कर रख दिया ।
दोनों सरकारें सता के नशे में चूर हैं और उन्हें जनता-जनार्दन के हितों की रक्षा करने की जरा सी भी चिंता नहीं है । सरकार ने पेट्रोलियम के दामों में बार – बार बढोतरी कर के अपना खजाना तो भर लिया लेकिन जनता का विश्वास तोड दिया । जनता को धोखा दिया । जनता से झूठे वायदे किये । बढती मंहगाई से यह साफ हो गया हैं कि हाथी के दांत दिखाने के और हैं और खाने के और हैं । यह केन्द्र व राज्य सरकार ने साबित कर दिया । जनता को भविष्य में भी मंहगाई की मार झेलनी पडेगी या मंहगाई से राहत मिल पायेगी इस बारे में कोई नहीं जानता । चूंकि सरकार ने जनता को जमकर लूटा और अपना खजाना भर लिया ।
केन्द्र व राज्य सरकार जनता के प्रति उदासीन न रहें बल्कि जवाबदेही सरकार बनें । जनता-जनार्दन से झूठे वायदे न करें वर्ना आगामी चुनावों में इसके परिणाम भुगतने होंगे और उसके लिए सरकार तैयार रहें । केन्द्र सरकार ध्दारा दी गयी मामूली सी राहत से अभी मंहगाई कम नहीं हुई हैं । अब पेट्रोल व डीजल के मामलें में जनता-जनार्दन की निगाहें गहलोत सरकार पर लगी हुई है चूंकि पंजाब सहित 25 राज्यों ने वैट घटा दिया हैं लेकिन गहलोत सरकार ने अभी तक कोई राहत की घोषणा नहीं की हैं ।
आज निम्न व मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए रोजमर्रा की चीजें भी खरीदना मुश्किल हो रहा है और जनता मंहगाई की मार झेलने को मजबूर हो रही है । गहलोत सरकार तो बार बार केन्द्र सरकार से पेट्रोल व डीजल पर एक्साइज ड्यूटी और कम करने के लिए दबाव बना रही हैं लेकिन केन्द्र इस और कोई ध्यान नहीं दे रही है इस बीच जनता-जनार्दन बलि का बकरा बन रही हैं । राजस्थान सरकार भी अन्य राज्य सरकारों से सबक ले और पेट्रोल व डीजल के दाम कम करने के लिए वैट कम करें चूंकि समस्या तो समाधान चाहती है न कि दलगत राजनीति ।
पेट्रोल व डीजल की कीमतों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना हैं कि केन्द्र सरकार की नीति व नियत राज्यों को कमजोर करने की हैं । गहलोत का कहना हैं कि अगर राज्य वैट कम करेंगे तो उनका वितीय प्रबंधन प्रभावित होंगा । केन्द्र सरकार ने पहलें ही कर ढांचे में परिवर्तन कर राज्यों को उत्पाद शुल्क से मिलने वाली हिस्सा राशि घटा दी अतिरिक्त उत्पाद शुल्क व सेस लगा दिया । इससे राज्यों को कुछ भी नहीं मिलता जबकि उत्पाद शुल्क में राज्यों का हिस्सा होता था । अब 5 व 10 रुपयों की मामूली सी कमी करके राज्यों को वैट कम करने के लिए मजबूर किया जा रहा हैं । कुल मिलाकर गहलोत जनता-जनार्दन को राहत देने के मुड में नहीं हैं । अब देखों ऊंट किस करवट बैठता हैं।
लेखक परिचय
Name»सुनील कुमार माथुरDesignation»लेखक एवं कवि, देवभूमि समाचारAddress»33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान) |
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