आतंकियों का दुस्साहस
ओम प्रकाश उनियाल
जम्मू-कश्मीर में कड़ी सख्ती व निगरानी के बाबजूद भी आतंकवादी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। सेना, अर्द्धसैनिक बलों के जवान हर समय आतंकियों से कड़ा मुकाबला कर उनका खात्मा कर व खदेड़ कर ही दम लेते हैं। इसके बाबजूद भी आतंकियों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। आतंकियों से बदला लेते हुए समय-समय पर हमारे जवान भी शहीद होते रहते हैं।
वर्तमान भारत सरकार ने जिस तरह से आतंकवाद व आतंकियों से निपटने की जो रूपरेखा तैयार की उससे आतंकी घटनाओं में काफी कमी आ गयी थी। कई आतंकियों को सेना के जवानों ने हमेशा की नींद भी सुला दिया। कुछ खतरनाक आतंकियों का भी खात्मा कर डाला। यह प्रक्रिया अभी भी निरंतर जारी है।
सरकार चाहती है कि शांति बनी रहे। आतंक की जड़ें बिल्कुल ही न फैल सकें इसके लिए समय-समय पर अलग-अलग प्रकार की रणनीति बनायी जाती रही है। मगर हाल ही में जम्मू-कश्मीर के कुछ इलाकों में जिस प्रकार के आतंकी हमले हुए उससे वहां के आवाम की चिंता बढ़ा दी है। श्रीनगर में लाल चौक के निकट कुछ दूरी पर गश्त कर रहे सीआरपीएफ के जवानों पर हमला किया गया।
जिसमें एक जवान शहीद हुआ और दूसरा घायल। हमले की जिम्मेदारी पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट ने ली। पुलवामा में भी आतंकियों ने एक घर में घुसकर दो बिहारी श्रमिकों पर गोलियां दागी। जिससे दोनों घायल हो गए। गोलियों की आवाज सुनकर आसपास के लोगों द्वारा शोर मचाए जाने पर आतंकी फरार हो गए। पुलवामा के ही एक अन्य इलाके में एक ट्रक चालक व उसके सहायक पर भी हमला हुआ।
इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन द रेजिस्टेंट फ्रन्ट (टी आर एफ) ने ली। यही नहीं दो दिन पहले शोपियां में एक व्यापारी पर हमला किया गया। व्यापारी कश्मीरी पंडित है और सालों से वहीं रह रहा है। सवाल है कि इतनी चाक-चौबंद सुरक्षा-व्यवस्था होने के बाद भी आतंकी हमला करने की हिम्मत कैसे जुटा रहे हैं?
आखिर क्या संदेश देना चाह रहे हैं आतंकी? इस प्रकार से दहशत पैदा कर जम्मू-कश्मीर के हालत बिगाड़ने के मंसूबों को भारत सरकार कभी फलीभूत नहीं होने देगी। एक न एक दिन ऐसा जरूर आएगा जब कश्मीर फिर से गुलजार होगा। वहां से जो कश्मीरी पंडित पलायन किए हुए हैं वे भी पुन: अपनी जन्मभूमि में लौेट सकेंगे।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
From »ओम प्रकाश उनियाललेखक एवं स्वतंत्र पत्रकारAddress »कारगी ग्रांट, देहरादून (उत्तराखण्ड)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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