July 12, 2025

poem

कविता : बातों में मत उलझाओ हमें, रखी है जो पोटली बांध कर। दर्द वह गंगा में अभी...
कविता : फूलों की माला, हंसता हुआ चेहरा तुम्हारा, चारों दिशाओं में अब यह आकाश भीगा, सारा सर्दी के...
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