सेवा ही जीवन का सार हैं…
सुनील कुमार माथुर
परमात्मा ने हमें यह मानव जीवन दिया है जिसे परोपकार के कार्य में लगाना चाहिए और निरन्तर प्रभु की भक्ति करते रहना चाहिए । जो भी सेवा करें वह निस्वार्थ भाव से की जानी चाहिए और उसमें फल की इच्छा नहीं होनी चाहिए ।आप तो बस अपना श्रेष्ठ कर्म करते रहिए, फल स्वतः ही मिल जायेंगा । जिस दिन परमात्मा ने आपका हाथ थाम लिया उसी दिन समझों आपका बेडा पार हो गया ।
आप तो बस श्रद्धा और विश्वास के साथ उसके नाम का स्मरण करते रहिए । हमेशा देने का भाव रखिये न कि लेने का भाव । आप जितने अधिक लोगों की सेवा निस्वार्थ भाव से करेंगे उसका फल आपकों कई गुणा होकर वापस मिलेगा जीवन में इस बात का ध्यान रखें कि कभी भी ईश्वर की परीक्षा लेने का प्रयास न करें ।
अगर हम भगवान से कुछ मांगते है तो वह हमारी मांग जरूर पूरी करता हैं लेकिन उतना ही देता है जितने की हमने मांग की । लेकिन जब हम नहीं मांगते हैं तो वह अपनी इच्छा से देता हैं तो छप्पर फाड कर इतना देता कि उसकी हमने कभी कल्पना भी नहीं की थी ।
वो तो हमारा पालनहार है उसकी हम क्या परीक्षा ले सकते हैं वह तो बडा ही दयालु और कृपालु है । वह तो हमारा सच्चा मार्गदर्शक है । अतः संकट के समय में कभी भी हताश व निराश नहीं होना चाहिए अपितु ऊस परमसता का स्मरण कीजिए न जानें किस रूप में हमारी मदद कर जायें और हमें पता भी न चलें ।
प्रभु की सेवा करने से ही हमारे मन में प्रेम जागृत होता हैं । सेवा ही जीवन का सार हैं । जो व्यक्ति निस्वार्थ भाव से सेवा करता हैं वही व्यक्ति श्रेष्ठ हैं । आप भले ही खाली हाथ आये हो लेकिन आपके साथ जो भी आपने पाप – पुण्य कमाया उसकी गठरी अवश्य ही साथ जायेगी । शेष सारा धन – दौलत , रिश्ते परिवार , मित्र सभी यही के यही रह जायेंगे ।इनमें से कुछ भी साथ जानें वाला नहीं है ।
टोक्यो ओलम्पिक खेलों में जब 2021 में पदक की दावेदार 19 वर्षीय भारतीय महिला शूटर मनु भाकर की किस्मत दगा दे गयी तो उसने अपने पिता को फोन किया और कहा कि पापा देखती हूं कब तक किस्मत मुझ से नाराज रहती हैं तब पिता ने उससे कहा कि बेटा ! किस्मत से कोई नहीं लड सकता । शायद किस्मत नहीं चाहती कि तुम ओलंपिक खेलों में पदक जीतो । इस पर मनु ने कहा कि मैं तो जिदी हूं और कभी हार नहीं मानूंगी । मैं अपनी कोशिश जारी रखूंगी मनु भाकर में आत्मविश्वास भरपूर था । यही वजह है कि उसने अपना प्रयास जारी रखा ।
आप तो बस भगवान में विश्वास कीजिए वह आपको मुश्किल से अवश्य ही निकालेगा । वह कहीं दूर नहीं है । हर वक्त व हर क्षण आपके साथ हैं लेकिन आप उसे देख नहीं पा रहें है चूंकि कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिसे हम देख नहीं सकते लेकिन अनुभव कर सकते हैं । उस परमसता पर कभी भी शक मत कीजिए । अगर आपका विश्वास है तो वह संकट की घडी में आपकी सहायता किसी न किसी बहाने या माध्यम से जरूर करेगा । चूंकि वे तो बडे ही दयालु हैं और भक्तों की मदद हेतु सदैव दौडे चले आते हैं।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
From »सुनील कुमार माथुरलेखक एवं कविAddress »33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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