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साहित्य लहर

उदास रात

बालकृष्ण शर्मा

क्यों उदास है ये रात, क्यों बुझा बुझा सा चन्द्रमा।
क्यों उदास है ये रात, क्यों बुझा बुझा सा चन्द्रमा।

क्यों सिसक रही है ये हवायें, क्यों झुका झुका सा आसमाँ।
क्यों उदास है ये रात, क्यों बुझा बुझा सा चन्द्रमा।

क्यों मचल रही हैं बदलियाँ, क्यों खामोश है ये फिजां।
क्यों उदास है ये रात, क्यों बुझा बुझा सा चन्द्रमा।

क्यों खो गया है मीत मेरा, क्यों रो रही हैं अँखियाँ।
क्यों उदास है ये रात, क्यों बुझा बुझा सा चन्द्रमा।

क्यों उदास है ये रात, क्यों उदास है ये रात….।


¤  प्रकाशन परिचय  ¤

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बालकृष्ण शर्मा

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बी-006, रेल विहार सीएचएस, प्लॉट नं. 01, सेक्टर 04, खारघर, नवी मुम्बई (महाराष्ट्र)

Publisher »
देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड)

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देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।

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