
- SLBC बैठक में राज्य के वित्तीय लक्ष्यों पर हुई विस्तृत चर्चा
- स्वरोजगार योजनाओं के लंबित ऋण आवेदनों पर सचिव वित्त ने जताई नाराजगी
- पर्वतीय जिलों में वित्तीय गतिविधियों को स्थानीय बैंकों से जोड़ने के निर्देश
देहरादून। राज्य के वित्तीय ढांचे को सुदृढ़ करने और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सचिव वित्त दिलीप जावलकर की अध्यक्षता में गुरुवार को राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (SLBC) की 94वीं बैठक सचिवालय में आयोजित की गई। बैठक में राज्य के ऋण जमा अनुपात (Credit Deposit Ratio) की समीक्षा करते हुए सचिव वित्त ने इसे 60 प्रतिशत तक पहुंचाने का स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित किया और इसे प्राथमिकता से हासिल करने के लिए बैंकों को निर्देशित किया।
उन्होंने उन जनपदों पर विशेष ध्यान देने को कहा जहां ऋण जमा अनुपात काफी कम है। सचिव वित्त ने अग्रणी जिला प्रबंधकों (LDMs) को निर्देश दिया कि वे जिलेवार रणनीति तैयार कर पर्वतीय क्षेत्रों की आर्थिक स्थिति के अनुरूप समाधान प्रस्तुत करें। विशेष रूप से होटल, पर्यटन और पावर प्रोजेक्ट्स जैसी गतिविधियों को स्थानीय बैंकों से जोड़ने पर बल दिया गया, ताकि रोजगार और निवेश दोनों को गति मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि किसी जिले में संचालित इकाई की वित्तीय गतिविधियां उसी जिले की बैंक शाखा से संचालित हों, जिससे स्थानीय आर्थिक तंत्र मजबूत हो सके।
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बैठक में स्वामित्व कार्ड के आधार पर ऋण देने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) तैयार करने पर जोर दिया गया। सचिव वित्त ने ‘आपकी पूंजी, आपका अधिकार’ अभियान को व्यापक स्तर पर प्रचारित करने के लिए जन-जागरूकता कार्यक्रम चलाने के निर्देश दिए, साथ ही इस अभियान में सरकारी विभागों की सक्रिय भागीदारी भी सुनिश्चित करने को कहा।
बैंकों को निर्देश दिया गया कि वे भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता–2023 के तहत न्यायिक कार्यवाही में ऑनलाइन गवाही के लिए जिला मुख्यालय स्थित बैंक शाखाओं में वीडियो कॉन्फ्रेंस सुविधा उपलब्ध कराएं। उन्होंने रोजगार सृजन ऋण योजनाओं में लंबित आवेदनों पर गहरी नाराजगी जताते हुए कहा कि सम्बंधित बैंक मामलों का प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण करें। इसके साथ ही एमएसएमई क्षेत्र को वित्तीय सहायता प्रदान करने में भी तेजी लाने के निर्देश दिए।
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सचिव वित्त ने शिक्षा ऋण आवंटन को प्राथमिकता में लेने की बात कही, विशेषकर आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के छात्रों को ऋण उपलब्ध कराने में किसी तरह की देरी न हो। उन्होंने कहा कि शिक्षा ऋण युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने का महत्वपूर्ण माध्यम है और इस पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। बैठक में अपर सचिव रंजना राजगुरु, हिमांशुं खुराना, निवेदिता कुकरेती, अभिषेक रुहेला समेत बैंकिंग क्षेत्र के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक का उद्देश्य राज्य की वित्तीय प्रगति की गति को तेज करना और रोजगार अवसरों के विस्तार के लिए ठोस कदम उठाना रहा।





