
सुनील कुमार माथुर
33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)
हंसता हुआ चेहरा और हंसता हुआ मन यह जीवन की सच्ची संपत्ति है । अतः मनुष्य को हर समय हंसते मुस्कुराते रहना चाहिए इसी से उसका स्वास्थ्य ठीक रहता है हंसने में कोई शुल्क नहीं लगता है । अतः मनुष्य को हर वक्त हंसता हुआ चेहरा लोगों के सामने रखना चाहिए । जीवन एक अमूल्य निधि है व स्वस्थ जीवन है । यह हमारा अमूल्य धन है जिसे बनाए रखना हम सबका एक कर्तव्य है इससे नकारा नहीं जा सकता है । यह एक कटु सत्य है ।
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यह बात सभी लोग जानते हैं उसके बावजूद भी वे अपने अहंकार में इधर-उधर भटकते रहते हैं । आपके चेहरे पर जो मुस्कुराहट है वह प्रभु के हस्ताक्षर हैं इन्हें आंसुओं से मत धोइए । मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है इंसान कपड़ों से नहीं बनता है बल्कि दिल से बनता है इसलिए मनुष्य को सदैव एक दूसरे की मदद करनी चाहिए । मदद एक ऐसा इत्र है जो आप दूसरों पर जितना छिटकेगें आप उतना ही अधिक महकेगें ।
जीवन में जब भी वक्त मिले तब आप कुछ ना कुछ लिखते रहिए और अपने हुनर को निखारते रहिए । चौबीस घंटों में से कुछ वक्त अपने को दीजिए । कहते हैं कि एक मां की पीड़ा बच्चे तक पहुंच सकती है वह बच्चे का दुख व पीड़ा नहीं देख सकती है । भक्ति में ही शक्ति है । अतः ईश्वर की पूजा आराधना करें । जरूरतमंद लोगों की निस्वार्थ भाव से सेवा करें । इंसान को सदैव नेक और दरिया दिल होना चाहिए । व्यक्ति को अपने कर्मों का फल भुगतना ही पड़ता है अतः सदैव नेक कर्म करें । अच्छे कर्म करें । जो लालच में खोया है वह संयम से ही आएगा । आदमी जब जीवन में ठोकर खाता है तो वह उस ठोकर को जीवन भर याद रखता है ।
जीवन में हमेशा सत्य के रास्ते पर चले । बुरे लोगो का कभी भी साथ न करें व अच्छे लोगों का कभी भी साथ न छोड़े । प्रेम श्रध्दा , विश्वास, स्पष्टवादिता , सत्य , ईमानदारी यहीं तो हमारी सबसे बड़ी पूंजी है । जिसने इसे खो दिया मानों उसनेे सब कुछ खो दिया । अपना लक्ष्य तय कर आगे बढ़े अन्यथा बीच चौराहे पर भटक जायेगे । लक्ष्य पहले से ही निर्धारित होना चाहिए तभी तो वहां तक पहुंच पाएंगे ।
जब भी कोई बात कहें तब ठोस बात कहे । सत्य बात कहे तथा सकारात्मक बात कहें । बिना लाग लपेट के कहें । किसी के दबाव में आकर या किसी को खुश करने के ध्येय से बात ना कहें । आपकी कथनी और करनी में अंतर नहीं होना चाहिए । जो भी करे उसमें ईमानदारी और सच्चाई होनी चाहिए । झूठ , छल , कपट नहीं । अंहकार से विनाश पनपता है । सादगी के साथ व समझदारी के साथ जीवन व्यतीत करें । लोक दिखावे के चक्कर में न पड़े अन्यथा कहीं के भी नही रहेगे ।








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