साहित्य लहर
अटूट प्रेम की राखी

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
स्नेह भरी शुभ सौगात है,
अटूट प्रेम की राखी ।
सावन में खुशियां अपार लाती है,
अटूट प्रेम की राखी ।
बहन भाई की कलाई सजाती है ।
जन्म-जन्म तक रक्षा का वचन पाती है ।।
अनुपम-अनूठा, अद्भुत त्योहार है,
अटूट प्रेम की राखी ।
सबसे सुंदर, सबसे प्यारी- न्यारी है,
अटूट प्रेम की राखी ।
राखी मनभावन क्षण लाती है ।
घर- घर में खुशियां बिखराती है ।।
रिश्तों की माला में कर्तव्य के मोती पिरोती है,
अटूट प्रेम की राखी ।
उत्साह-उमंग से भाव विभोर करती है,
अटूट प्रेम की राखी।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
![]() |
From »मुकेश कुमार ऋषि वर्मालेखक एवं कविAddress »संचालक, ऋषि वैदिक साहित्य पुस्तकालय | ग्राम रिहावली, डाकघर तारौली गुर्जर, फतेहाबाद, आगरा, (उत्तर प्रदेश) | मो : 9627912535Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
---|