
- राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मालदेवता रायपुर में युवा संसद 2025 का प्रभावशाली आयोजन
- संविधान दिवस पर मालदेवता रायपुर कॉलेज में गूंजी संसदीय कार्यवाही, युवा पीढ़ी ने दिखाया हुनर
- नई शिक्षा नीति से लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा तक—युवा संसद में उठे कई अहम मुद्दे
- मानव स्वास्थ्य संशोधन विधेयक पास, मालदेवता रायपुर में युवा संसद ने दिखाया जीवंत लोकतंत्र
देहरादून। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मालदेवता रायपुर में संविधान दिवस के अवसर पर बुधवार को युवा संसद (तरुण सभा) 2025 का भव्य और सुव्यवस्थित आयोजन बड़े उत्साह के साथ सम्पन्न हुआ। निदेशक उच्च शिक्षा उत्तराखंड के निर्देशों के अनुसार आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य प्रो. विनोद प्रकाश अग्रवाल ने की, जबकि कार्यक्रम में राजकीय इंटर कॉलेज मालदेवता के प्रधानाचार्य डॉ. रमेश मैठाणी मुख्य अतिथि और प्राध्यापक संजीव सेनी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम की रूपरेखा और संचालन की जिम्मेदारी नोडल अधिकारी सुश्री रीना ने निभाई, जिन्होंने अतिथियों, शिक्षकों और छात्रों का स्वागत करते हुए युवा संसद के उद्देश्यों और संविधान दिवस के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला।
कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन से हुई। इसके बाद मार्शल सुजल की उद्घोषणा के साथ युवा संसद की कार्यवाही का औपचारिक शुभारंभ हुआ, जिसमें अध्यक्ष की भूमिका निभा रहीं आंचल चौहान सदन में दाखिल हुईं और उन्होंने सभी सदस्यों को संविधान दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए शीतकालीन सत्र की शुरुआत की घोषणा की। सदन की पहली कार्यवाही दिवंगत अभिनेता एवं पूर्व सांसद धर्मेंद्र देओल के देहांत पर शोक संदेश के साथ शुरू हुई, जिसे अध्यक्ष, प्रधानमंत्री नीरज सेमवाल और नेता विपक्ष अंशिका सोलंकी ने पढ़ा। सदन ने उनके सम्मान में मौन रखकर श्रद्धांजलि दी।
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इसके बाद सदन में नए सांसदों सुहानी और तनु रैथवाण को प्रमुख सचिव श्रीमती पूनम द्वारा शपथ दिलाई गई। प्रधानमंत्री नीरज सेमवाल ने दो नए मंत्रियों—कानून एवं न्याय मंत्री कृष्णकांत और कंज्यूमर अफेयर्स, खाद्य एवं लोक वितरण मंत्री अमन सुंदरियाल—का परिचय सदन को दिया। संसदीय कार्यवाही आगे बढ़ी और प्रश्नकाल की शुरुआत हुई, जिसमें विपक्ष ने शिक्षा, मतदाता सूची, और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे प्रमुख मुद्दों पर सरकार से कठोर सवाल पूछे। नई शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ में विपक्ष सांसदों ने डिजिटल गैप, वोकेशनल ट्रेनिंग की कमी, लैब और पाठ्यपुस्तकों की अनुपलब्धता और दूरस्थ क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी पर सवाल उठाए, जिनका विस्तृत उत्तर शिक्षा मंत्री तनीषा गुसाईं ने दिया और बताया कि नई शिक्षा नीति का उद्देश्य समावेशी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना है।
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मतदाता सूची में नए मतदाताओं के नाम जोड़ने और विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर भी विपक्ष ने कई प्रश्न उठाए, जिनका उत्तर कानून एवं न्याय मंत्री कृष्णकांत ने देते हुए कहा कि सरकार मतदाता सूची को पारदर्शी और मजबूत बनाने के लिए सतत प्रयासरत है तथा इसके लिए व्यापक जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर भी विपक्ष की नेता अंशिका सोलंकी और अन्य सदस्यों ने लाल क़िला ब्लास्ट, मणिपुर की हिंसा, पहलगाम हमला और साइबर क्राइम जैसे विषयों पर गृह मंत्रालय से जवाब मांगा। गृह मंत्री जैद मलिक ने बताया कि भारत का आधुनिक सुरक्षा ढांचा निरंतर विकसित हो रहा है और साइबर सुरक्षा, खुफिया तंत्र तथा त्वरित प्रतिक्रिया दल मिलकर किसी भी संभावित खतरे पर सतर्क नज़र बनाए हुए हैं।
संसदीय कार्यवाही के अगले चरण में मंत्री वाशुतोष सिंह ने 2025 की सेंतालीसवीं रिपोर्ट में भारत में बढ़ते एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस और जीनोमिक निगरानी तंत्र पर किए जा रहे सरकारी प्रयासों का ब्यौरा सदन के पटल पर रखा। इसी क्रम में मंत्री सूरज रतूड़ी ने कैग रिपोर्ट के आधार पर वित्तीय प्रबंधन, कर्मियों की कमी और सुरक्षा चुनौतियों से जुड़े बिंदुओं पर सरकार की कार्यवाही का विवरण प्रस्तुत किया। ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में विपक्ष की अंशिका डंगवाल ने खाद्य पदार्थों में मिलावट और FSSAI द्वारा की गई हालिया कार्रवाई पर मुद्दा उठाया, जिस पर कंज्यूमर अफेयर्स मंत्री अमन सुंदरियाल ने खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किए जा रहे उपायों की विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान विदेशी गणमान्य अतिथि—यूएस की सेकंड लेडी, सिंगापुर और मॉरीशस के प्रधानमंत्रियों की भूमिका निभा रहे प्रतिभागियों—का औपचारिक स्वागत भी किया गया।
इसके पश्चात अल्पावधि चर्चा में भारतीय रेलवे में महिला सुरक्षा और संभावित जोखिमों पर महत्वपूर्ण प्रश्न उठाए गए, जिनका उत्तर रेल मंत्री सूरज रतूड़ी ने देते हुए बताया कि रेलवे सुरक्षा संरचना को निरंतर मजबूत किया जा रहा है। सदन की महत्वपूर्ण विधायी प्रक्रिया के तहत मानव स्वास्थ्य संशोधन विधेयक पर विस्तृत चर्चा हुई और अंततः यह विधेयक बहुमत से पारित किया गया। पूरे कार्यक्रम के दौरान अभिनव प्रताप सिंह ने पत्रकार की भूमिका निभाते हुए संसदीय गतिविधियों का मीडिया कवरेज प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के समापन पर मुख्य अतिथि डॉ. रमेश मैठाणी और विशिष्ट अतिथि संजीव सेनी ने सभी प्रतिभागियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना की और कहा कि ऐसे कार्यक्रम छात्रों को लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की गहरी समझ प्रदान करते हैं।
प्राचार्य प्रो. विनोद प्रकाश अग्रवाल ने सभी छात्रों और शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि प्रतिभागियों का शानदार प्रदर्शन उनके परिश्रम और शिक्षकों के मार्गदर्शन का परिणाम है। उन्होंने कार्यक्रम की नोडल अधिकारी रीना और सभी समिति सदस्यों को कार्यक्रम की सफलता के लिए धन्यवाद दिया। युवा संसद 2025 का यह आयोजन न केवल छात्रों की प्रतिभा, अनुशासन और विषय-ज्ञान को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि नई पीढ़ी लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को गंभीरता से सीख रही है और भविष्य में जिम्मेदार नागरिक तथा नेतृत्वकर्ता बनने की दिशा में आगे बढ़ रही है।







