साहित्य लहर
वर्षा आई-वर्षा आई, ठंडी-ठंडी फुहारें लाई

सुनील कुमार माथुर
वर्षा आई, वर्षा आई
अपने संग ठंडी-ठंडी फुहारें लाई
वर्षा आने से मौसम हुआ बडा सुहाना
दौडे – दौडे बच्चे आये
वर्षा के स्वागत में मां ने पकौडे बनायें
सभी बच्चों ने कागज की नाव बनाई
झटपट पानी में खूब चलाई
वर्षा आई , वर्षा आई
अपने संग ठंडी – ठंडी फुहारें लाई
वर्षा के आने से मौसम हुआ बडा ही सुहाना
क्या छोटे व क्या बड़े सभी ने मिलकर
वर्षा का आनन्द उठाया
वर्षा आई , वर्षा आई
किसानों के चेहरों पर खुशियां छाई
वर्षा आई , वर्षा आई
बच्चों ने पौधारोपण करके
पेड लगाओ और पर्यावरण बचाओ का
संकल्प लिया
वर्षा आई , वर्षा आई
अपने संग ठंडी – ठंडी फुहारें लाई
¤ प्रकाशन परिचय ¤
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From »सुनील कुमार माथुरलेखक एवं कविAddress »33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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