साहित्य लहर
कविता : पटाखे जरूर जलाएं
सुनील कुमार माथुर
दीपावली के अवसर पर पटाखें जरूर जलाएं
किसी जरूरतमंद के जीवन में
खुशी की फुलझडियां छोडें
उनके मुरझाए चेहरों पर
मुस्कान की एक झडी लगा दीजिये
हर किसी के संग मधुर व्यवहार कर
उनके हृदय में प्रेम , करूणा , ममता , दया ,
सहनशीलता , धैर्य , संयम के बीज बो दीजिये
पटाखें जरूर जलाएं लेकिन
किसी दु:खी को और दु:खी मत कीजिये
किसी की भी भावनाओं से खिलवाड मत कीजिये
राष्ट्र की मुख्यधारा से कटे युवाओं को
पुनः राष्ट्र की मुख्यधारा से जोडियें
उन्हें एक नई राह दिखाइए
उनके जीवन में नई सोच ,
नई ऊर्जा का संचार कीजिये
उन्हें उनके जीवन का महत्व बताइये
अच्छे – बुरे का ज्ञान कराइए
पटाखें जरूर जलाएं लेकिन
दु:खीजनों के जीवन में खुशहाली की
मुस्कान जरुर बिखेरे
तभी दीपोत्सव का असली मजा हैं
¤ प्रकाशन परिचय ¤
From »सुनील कुमार माथुरस्वतंत्र लेखक व पत्रकारAddress »33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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