साहित्य लहर
कविता : हे मां
सुनील कुमार माथुर
हें मां ! आप शक्ति की देवी हैं
शत्रुओं का विनाश करने वाली हैं
आप शक्ति की देवी हैं
आप सबका कल्याण करने वाली हैं
बिगडी को बनाने वाली हैं
हे मां ! आप करूणा की सागर है
दीन दुखियों की पीडा हरने वाली हैं
हे मां ! कोरोना महामारी का खात्मा कीजिए
सभी को शक्ति दीजिए , मनोबल बढाइये
जिनके रोजगार छिन गयें उन्हें रोजगार दीजिए
हर देशवासी हर्षोल्लास के साथ नवरात्रि मनाये
ऐसा वातावरण तैयार कीजिए
सभी के नवरात्रा अच्छे हो , हर ओर
उत्सव का माहौल हो , आनंद व उमंग हो
हर किसी के चेहरे पर मुस्कान हो
हें मां ! चारों ओर दुर्गा मां की जय जयकार हो
हें मां ! हमारी आप से यही विनती हैं
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