साहित्य लहर
कविता : प्यार
सुनील कुमार माथुर
प्यार जबरदस्ती नहीं किया जाता हैं अपितु
प्यार दिल से होता हैं और
जब प्यार किया तो डरना क्या
प्यार परमात्मा से कीजिए
अपने माता – पिता और
बच्चों से कीजिए
बडे – बुजुर्गों से प्यार कीजिए
दीन दुखियों से प्यार कीजिए
पशु – पक्षियों से प्यार कीजिए
गुरूजनों , मित्रों व रिश्तेदारों से प्यार कीजिए
समाज व राष्ट्र से प्यार कीजिए
प्रकृति से प्रेम कीजिए
श्रेष्ठ साहित्य से प्रेम कीजिए
वृक्षों से प्रेम कीजिए
इंसानियत से प्रेम कीजिए न कि हैवानियत से
इंसानियत से प्रेम कीजिए
न धन दौलत और हैवानियत से
ज्ञानी से प्रेम कीजिए न अज्ञानी से
स्वास्थ्य से प्रेम कीजिए न बीमारियों से
सज्जन व्यक्ति से प्यार कीजिए
न कि किसी अपराधी से
भक्ति रूपी रस का सेवन कीजिए
न कि मदिरा पान कीजिए
¤ प्रकाशन परिचय ¤
From »सुनील कुमार माथुरस्वतंत्र लेखक व पत्रकारAddress »33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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