
मच्छिंद्र बापू भिसे ‘मंजीत’
एक ज्योति आप जलाए
बातियाँ लौ हम भी जलाए,
आओ रोशन कर दे जहाँ
आओ दिल के दीप जलाएँ।
खुशियों का त्योहार पावन
लगता है सबको मनभावन,
आओ मिलकर रंग भरे
दुख-मोह के सब पाश हरे,
आओ स्नेहबंध में बंध जाए
आओ प्यार से हाथ बढ़ाएँ।
मिठास जो ले आए दिवाली
मन में सदा खिलें खुशहाली,
आज की न, न पल की हो
अपनी दिवाली हर पल की हो,
मिठास कभी न कम हो जाए
आओ प्यार की मिश्री घुलाएँ।
रोशनी-सा चमके जीवन
पक्वानों-सा महके आँगन,
रंगोली-से रंग भर जाए
अबर-भुवन प्यार बरसाए,
आस्था विश्वास के दीप जलाए
आओ मिलकर दिवाली मनाएँ।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
![]() | From »मच्छिंद्र बापू भिसे ‘मंजीत’कवि एवं लेखकAddress »सातारा (महाराष्ट्र) | सचलभाष एवं व्हाट्सअप : मो. 9730491952Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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