साहित्य लहर
कविता : गुनगुनाओ

सुनील कुमार माथुर
साहस , संग्राम और स्वाभिमान की
इस धन्य धरा पर हम सब मिलकर
ईश भक्ति के गीत गुनगुनाये
ईश्वर की वंदना करें , भजन-कीर्तन व कथा करें
आदर्श संस्कारों के मधुर गीत गुनगुनाये
नैतिक मूल्यों का पाठ गुनगुनाये
तीज – त्यौहारों के गीत गुनगुनाये
साहस , संग्राम और स्वाभिमान की
इस धन्य धरा पर हम सब मिलकर
वीर रस के गीत गुनगुनाये
बापू के भजन गुनगुनाये
ईश वंदना के गीत गुनगुनाये
देश भक्ति व देश प्रेम के गीत गुनगुनाये
¤ प्रकाशन परिचय ¤
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From »सुनील कुमार माथुरलेखक एवं कविAddress »33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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