साहित्य लहर

कविता : सीमा सड़क संगठन दिवस विशेष

कविता : सीमा सड़क संगठन दिवस विशेष, बीआरओ ने किया सीमावर्ती क्षेत्रो के ढाँचे के विकास को साध्य। प्राकृतिक आपदा भी नहीं बना पाती हमारे लक्ष्य को बाध्य॥ बीआरओ है एक महत्वपूर्ण इंजीनियरिंग सेवा संस्थान। जो देता है सेना को इंजीनियरिंग सेवा का योगदान॥ # डॉ. रीना रवि मालपानी (कवयित्री एवं लेखिका)

विभिन्न संगठनों की श्रृंखला में कार्यरत एक सम्माननीय विभाग।
1960 में स्थापित संस्था आज निभा रही रक्षा सेवाओं में महत्वपूर्ण भाग॥

7 मई को उत्साह से बीआरओ का स्थापना दिवस मनाते।
इस संगठन से जुड़कर हम खुद को खुशनसीब बताते॥

आवश्यकता के अनुरूप त्वरित सेवाएँ देकर करते समस्या का समाधान।
ब्रिज, टनल, हेलिपेड एवं एयर फील्ड बनाने की सेवाएँ भी करते प्रदान॥

बीआरओ ने किया सीमावर्ती क्षेत्रो के ढाँचे के विकास को साध्य।
प्राकृतिक आपदा भी नहीं बना पाती हमारे लक्ष्य को बाध्य॥

बीआरओ है एक महत्वपूर्ण इंजीनियरिंग सेवा संस्थान।
जो देता है सेना को इंजीनियरिंग सेवा का योगदान॥

सीमा क्षेत्रों में सड़क निर्माण एवं रख-रखाव है अति महत्वपूर्ण कार्य।
जिसका लाभ मिलता उनको, जिनकी सरहद पर भूमिका है अनिवार्य।।


कनेक्टिविटी के साधनों में गुणवत्ता है प्रमुख।
बीआरओ लाना चाहता है देशहित में विकास सम्मुख॥

उत्तरीय और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में उद्देश है निर्माण और विकास।
बीआरओ अनवरत सेवा में करता है विश्वास॥


भारत सरकार के अधीन है यह उत्कृष्ठ संगठन।
राष्ट्र की उन्नति के लिए किया गया जिसका गठन॥

सड़क नेटवर्क बढ़ाकर करना है सेना के कार्यों को आसान।
बीआरओ को रचना है राष्ट्र उन्नति में नवीन कीर्तिमान॥


हमेशा सेवाधर्मिता की तत्परता से देंगे इसे नई पहचान।
डॉ. रीना कहती, श्रमेण सर्वम साध्यम के भाव से बढ़ाए इस संगठन का मान॥

जातीय संघर्ष कब तक…?


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कविता : सीमा सड़क संगठन दिवस विशेष, बीआरओ ने किया सीमावर्ती क्षेत्रो के ढाँचे के विकास को साध्य। प्राकृतिक आपदा भी नहीं बना पाती हमारे लक्ष्य को बाध्य॥ बीआरओ है एक महत्वपूर्ण इंजीनियरिंग सेवा संस्थान। जो देता है सेना को इंजीनियरिंग सेवा का योगदान॥ डॉ. रीना रवि मालपानी (कवयित्री एवं लेखिका)

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