रोगों को जड़ से समाप्त करती है ‘पंचकर्म चिकित्सा पद्धति’

सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के योग विज्ञान विभाग के पंचकर्म चिकित्सा केंद्र में पंचकर्म चिकित्सा का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। योग विज्ञान विभाग ,सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय द्वारा विभिन्न वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों का लाभ का छात्र-छात्राओं एवम समाज को पहुचाने के उद्देश्य से योग विज्ञान विभाग में चिकित्सा केंद्र की स्थापना की गई है।
जिसमे छात्रों को योग के साथ विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों में पारंगत किया जाता है। योग विज्ञान विभाग में प्राकृतिक चिकित्सा,मर्म चिकित्सा,एक्यूप्रेशर,पंचकर्म आदि विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। योग विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ नवींन भट्ट ने बताया कि योग एवम विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों का लाभ जन -जन तक पहुचे एवम समाज लाभान्वित हो सके इस उद्देश्य के साथ कि गयी है।
चिकित्सा केंद्र में इन दिनों छात्र -छात्राओं को पंचकर्म चिकित्सा की विभिन्न विधियों का प्रशिक्षण प्रदान किये जाने के साथ -साथ पंचकर्म चिकित्सा द्वारा विभिन्न रोगियों का इलाज भी किया जा रहा है। विभागाध्यक्ष डॉ नवींन भट्ट ने बताया कि पंचकर्म चिकित्सा पद्धति दोषों को शरीर से बाहर निकाल कर रोगों को जड़ से समाप्त करती है।
यह शरीर शोधन की प्रक्रिया है जो मनुष्य को लाभ पहुँचाती है।योग विज्ञान विभाग में कार्यरत आयुर्वेद एवम पंचकर्म विशेषज्ञ डॉ विद्या नेगी द्वारा पंचकर्म अभ्यंग,स्वेदन ,वमन,विरेचन,नस्य,रक्तमोक्षण और अनुवासनवस्ती द्वारा शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर कर स्वस्थ्य व सन्तुलित करने का कार्य किया जा रहा है।
आयुर्वेद एवम पंचकर्म विशेषज्ञ डॉ विद्या नेगी द्वारा अभ्यंग ,पत्र पोटली स्वेदन का प्रशिक्षण दिया व इसके लाभों के बारे में बताते हुए कहा कि पत्र पोटली स्वेदन द्वारा पक्षाघात,सायटिका,आर्थ राइटिस ,संधिवात,कटिशूल,स्लिप डिस्क ,सर्वाइकल ,गठिया,लकवा,माइग्रेन,विभिन्न वात,पित्त, कफ से पीड़ित व्याधियों में रामवाण की तरह कार्य करता है।
साथ ही एक मरीज को 45 मिनट की थेरेपी भी दी गई। आगामी दिनों यह प्रशिक्षण कार्य निरंतर चलता रहेगा। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के साथ ही प्रतिदिन विभिन्न रोगों की चिकित्सा भी की जा रही है इसका निर्धारित समय 1:00PM- 3:00 PM रखा गया है।
इस दौरान मरीज सलाह लेने के साथ ही अपना इलाज भी करा सकते है।इस दौरान भावेश पांडेय,दीपिका पुनेठा,अनिता धामी,श्वेता पुनेठा,विकास जोशी,सन्तोषी बोहरा प्रशिक्षार्थी उपस्थित थे।