साहित्य लहर

नया सवेरा आया है

सुनील कुमार माथुर

बच्चें बोले देखों मम्मी – पापा
नया सवेरा आया है
अपने संग सूर्य की किरणे लाया हैं
किरणों के संग
हल्की – हल्की हवाओं ने
ठंडी – ठंडी दस्तक दी है

बच्चें बोले देखों मम्मी – पापा
नया सवेरा आया है
अपने संग सूर्य की किरणे लाया हैं
ठंडी – ठंडी हवाओं के कारण
सर्वत्र गर्मा गर्म चाय का दौर चल रहा हैं

हर कोई गजक रेवड़ी और
दूध फीनी का सेवन कर रहा हैं
बच्चे बोले देखों मम्मी – पापा
नया सवेरा आया है
अपने संग सूर्य की किरणे लाया हैं

बच्चे बोले देखों मम्मी – पापा
ठंड में धूप कितनी सुहानी लगती है
हर कोई धूप सेक कर
आनन्दित हो रहा है
क्या बच्चे , क्या बुजुर्ग
हर कोई धूप सेवन कर रहा हैं

बच्चे बोले देखों मम्मी – पापा
नया सवेरा आया है
अपने संग सूर्य की किरणे लाया है
किरणों के संग हल्की – हल्की हवाओं ने
ठंडी – ठंडी दस्तक दी है

इन्द्र देव ने वर्षा कर
सर्दी को और बढा दिया
बच्चे बोले देखों मम्मी – पापा
ठंड में धूप कितनी सुहानी लगती है
हर कोई धूप सेक रहा हैं और
आनन्दित हो रहा हैं


¤  प्रकाशन परिचय  ¤

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From »

सुनील कुमार माथुर

लेखक एवं कवि

Address »
33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)

Publisher »
देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड)

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देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।

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12 Comments

  1. अतिसुन्दर कविता पढ़ कर मन प्रफुल्लित हो गया…

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