***
आपके विचार

आवश्यकताएं और आकांक्षाएं

आवश्यकताएं और आकांक्षाएं, बच्चों को ऐसे संस्कार दीजिए कि वह परिवार, समाज व राष्ट्र के विकास व उत्थान के लिए सदैव अग्रिम पंक्ति में खडा रहें एवं नये भारत का नव निर्माण करें। (जोधपुर, राजस्थान) से सुनील कुमार माथुर की कलम से…

आवश्यकताएं और आकांक्षाएं दो अलग अलग चीज है । आवश्यकताएं पूरी हो जाती है चूंकि वे सीमित होती है जबकि इच्छाएं व आकांक्षाएं कभी भी पूरी नही होती है । इच्छाएं व आकांक्षाएं द्रोपदी के चीर कि भांति बढती ही जाती है । एक पूरी भी नहीं होती है कि दूसरी , तीसरी , चोथी ……. जागृत होती ही जाती है जिन्हें पूरा करना असंभव है । चूंकि इच्छाएं व आकांक्षाएं असीमित होती है जबकि आवश्यकताओं को समय पर पूरा करना हमारा धर्म हैं ।

अतः अपनी इच्छाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए कभी भी गलत राह न चुने । जब भी भोजन करे तब घर का ही करे न कि बाजार का । चूंकि भोजन घर का होगा तभी उसमें शुध्दता होगी और जब भोजन शुध्द होगा तो मन व मस्तिष्क भी शुध्द व साफ होगा । होटल के भोजन में नाना प्रकार की अशुध्दता होती है । अतः अंहकार में न मरे । लोक दिखावा न करे और सदैव घर का स्वादिष्ट व पौष्टिक आहार ही ग्रहण करे एवं अपने धर्म का पालन करें ।

कभी भी किसी की हंसी न उडाये। बच्चों को ऐसे संस्कार दीजिए कि वह परिवार, समाज व राष्ट्र के विकास व उत्थान के लिए सदैव अग्रिम पंक्ति में खडा रहें एवं नये भारत का नव निर्माण करें। दुष्ट व्यक्तियों के गलत कार्यो को देखकर मां की आत्मा भी कराह उठती है कि ऐसी दुष्ट औलाद के बजाय मैं बेऔलाद होती तो भी ठीक था । कहने का तात्पर्य यह हैं कि कोई ऐसा कृत्य न करे कि आपकी मां की आंखों में आंसू आ जाये । हां आंसू आये तो वो खुशी के होने चाहिए न कि पीडादायक या कष्टकारक ।

हमेंशा दया और करूणा का भाव ही रखे । यह जीवन कांटों भरा है । अतः सभी दिन एक समान नही होते है ।‌ अतः संकट की स्थिति में न घबराइये अपितु हिम्मत व साहस से काम लें । वहीं अपना संयम बनायें रखें ।‌ जब हम हर परिस्थितियों में समान रहते हैं तभी संकटों को हंसते मुस्कुराते पार कर लेगें व हमें पता भी नहीं चल पायेगा कि कब संकट टल गया और फिर से जीवन में खुशियां आ गई ।‌

अतः जीवन की नैया को हंसते मुस्कुराते पार लगाईये तभी असली जीवन जीने का आनन्द हैं । जीवन में आत्मविश्वास होगा तभी आप दूसरों को प्रभावित कर पायेंगे।


👉 देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है। अपने शब्दों में देवभूमि समाचार से संबंधित अपनी टिप्पणी दें एवं 1, 2, 3, 4, 5 स्टार से रैंकिंग करें।

आवश्यकताएं और आकांक्षाएं, बच्चों को ऐसे संस्कार दीजिए कि वह परिवार, समाज व राष्ट्र के विकास व उत्थान के लिए सदैव अग्रिम पंक्ति में खडा रहें एवं नये भारत का नव निर्माण करें। (जोधपुर, राजस्थान) से सुनील कुमार माथुर की कलम से...

Devbhoomi Samachar

देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।

Related Articles

4 Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Verified by MonsterInsights