प्रकाश में बदलना होगा
बीना राय
धागे सा मुझे जलना होगा
मोम सा तुम्हें पिघलना होगा
जलकर के मैं अपना
अस्तित्व मिटा लूंगी
और पिघलकर भी तुम
जब थोड़े से रह जाओगे
तब मेरी जुदाई तुम
बिल्कुल नहीं सह पाओग
पर हमसे जुड़े जो
दो नादान जीवन हैं
उनके तिमिर को हमें ही
प्रकाश में बदलना होगा
क्यूं चाहते हो तुम की
तुमसे परे हो जाऊं मैं
तुम बिखरा हुआ मोम
और सिर्फ धागा कहलाऊं मैं
पर मुझे ऐसा लगता है की
तुम जुदा होकर भी मुझसे
थोड़े से लिपटे ही रहोगे और
मेरे परे होने से तुम बिखरे ही रहोगे
कुछ नहीं अस्तित्व दोनों का
एक दूजे के बिना
इस बात को समझकर हमें
आखिर में सम्भलना होगा
पर हमसे जुड़े जो
दो नादान जीवन हैं
उनके तिमिर को हमें ही
प्रकाश में बदलना होगा
मालूम है मुझे कि अब
मैं तुम्हें जंचती नहीं
साथ ही हूं मगर दिल में
तुम्हारे बसती नहीं
पर तुम ना दिल की
ना ही दिमाग की सुनो
विवेक से बस काम लो और
त्याग के पथ को चुनो
त्याग के इस पथ पर मुझे भी
तुम्हारे संग संग चलना होगा
पर हमसे जुड़े जो
दो नादान जीवन हैं
उनके तिमिर को हमें ही
प्रकाश में बदलना होगा
प्यार जैसा रहा न कुछ
अब हम दोनों के दरमियां
ये माना कि दिलों में हैं दूरियां
अब साथ रहना तो है मजबूरियां
पर सोचो जरा कि फूल और
कांटे भी तो साथ रहते हैं
और ये जो नाजुक से दो पौधे हैं
ये भी हमसे यही कहते हैं
की इन्हें अभी तुम्हारे धूप और
मेरे छांव में ही पलना होगा
पर हमसे जुड़े जो
दो नादान जीवन हैं
उनके तिमिर को हमें ही
प्रकाश में बदलना होगा