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सचिवालय में नौकरी लगवाने के नाम पर लगाया चूना

सचिवालय में नौकरी दिलाने के नाम पर 21 लाख ठगने वाला गिरफ्तार

एसपी सिटी मनोज कुमार कत्याल ने बताया कि धोखाधड़ी का आरोपित सर्वेश यादव 12वीं तक पढ़ा है। उसकी मुलाकात श्रीपाल सिंह के पुत्र पुष्पेंद्र से कोलकात्ता में हुई थी। पुष्पेंद्र वहां पर बीटेक करने के बाद काम कर रहा था। उसने पुष्पेंद्र को सचिवालय में नौकरी दिलाने का झांसा दिया। बाद में वह कई बार नैनीताल के साथ ही रुद्रपुर में भी आया था।

रुद्रपुर। उत्तर प्रदेश सचिवालय में नौकरी लगवाने के नाम पर 21.29 लाख रुपये का चूना लगाने वाले आरोपित को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही उसके पास से उत्तर प्रदेश शासन की नंबर प्लेट लगा वाहन भी बरामद किया है। बाद में पुलिस ने आरोपित को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है।

एसपी सिटी मनोज कुमार कत्याल ने बताया कि ट्रांजिट कैंप फुलसुंगा निवासी श्रीपाल ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि उनके दो बेटे और बहू नौकरी की तलाश कर रहे थे। इसी बीच मई 2021 में उनके पुत्र पुष्पेंद्र सिंह की मुलाकात ग्राम अधौली थान सत्तरगंज जिला बाराबंकी निवासी सर्वेश यादव, उसकी पत्नी शालू वर्मा और ग्राम भिखारीपुर थान रतनपुर जिला अंबेडकरनगर निवासी श्याम मोहन से हुई थी।

पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि वह क्लीन फर्टिलाइजर मार्केटिंग मैनपावर सर्विस, कंसल्टेंसी एजेंसी के नाम से राज्य एवं केंद्र सरकार के विभागों में स्थाई नौकरी दिलाने का कार्य करते हैं। इस दौरान सर्वेश यादव ने अपने आप को राज्य संपत्ति विभाग, उत्तर प्रदेश सचिवालय में अनुसचिव पद पर कार्यरत बताया और अपना परिचय पत्र भी दिखाया। उनकी बातों पर आकर उन्होंने अलग-अलग तिथियों में बैंक खातों में करीब 21.29 लाख रुपए जमा करा दिए।

रकम देने के बाद भी आरोपियों ने उन्हें कोई नियुक्ति पत्र नहीं दिया और रुपये मांगने पर टाल मटोल करते रहे। शक होने पर जब उन्होंने लखनऊ जाकर राज्य संपत्ति विभाग में जानकारी जुटाई तो पता चला कि इस नाम का कोई व्यक्ति वहां कार्यरत ही नहीं है। इस पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी थी।

एसपी सिटी मनोज कुमार कत्याल ने बताया कि जांच में धोखाधड़ी की पुष्टि होने पर थानाध्यक्ष ट्रांजिट कैंप सुंदरम शर्मा की अगुवाई में पुलिस ने आरोपित सर्वेश यादव के घर बाराबंकी उत्तर प्रदेश में दबिश दी।

जहां से पुलिस ने सर्वेश को गिरफ्तार कर लिया और धोखाधड़ी में प्रयुक्त काले रंग का वाहन, जिसके नंबर प्लेट पर उत्तर प्रदेश शासन लिखा हुआ था, उसे भी कब्जे में ले लिया। एसपी सिटी मनोज कुमार कत्याल ने बताया कि पूछताछ में आरोपित ने 21.29 लाख की ठगी की बात कबूल की। बाद में पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है।

रकम देने के बाद भी आरोपियों ने उन्हें कोई नियुक्ति पत्र नहीं दिया और टाल मटोल करते रहे। सीओ सिटी आशीष भारद्वाज ने बताया कि सर्वेश यादव पर रुद्रपुर के ट्रांजिट कैंप के साथ ही लखनऊ के थाना गोमती नगर में वर्ष, 2019 में भी धोखाधड़ी का केस दर्ज है। तब उत्तर प्रदेश पुलिस ने उसके पास से भी एक इनोवा कार हूटर समेत कब्जे में लिया था।



साथ ही पांच भारतीय स्टेट बैंक के खाते के चैक, इंडस बैंक के ब्लैंक चेक, छह लोगों के शिक्षा संंबंधी व अन्य प्रपत्र बरामद हुए। बताया कि उस पर और कितने केस दर्ज है, इसकी जानकारी लेने के लिए उसका आपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है। जबकि अन्य लोगों की संलिप्तता की भी जांच की जा रही है।



एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने पुलिस टीम को 2500 रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। टीम में सीओ सिटी आशीष भारद्वाज, थानाध्यक्ष सुंदरम शर्मा, एसआइ धीरज टम्टा, कांस्टेबल कमल किशोर, विपेंद्र सिंह शामिल हैं।



एसपी सिटी मनोज कुमार कत्याल ने बताया कि आरोपित के बैंक के खाते खंगाले जाएंगे। पता लगाया जाएगा कि उसने श्रीपाल सिंह के अलावा यूएस नगर और अन्य राज्यों में किस किस को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगा है। पूछताछ में सर्वेश ने बताया कि उसके संबंध सचिवालय में काम करने वाले कुछ लोगों से हैं, इसकी भी पुलिस जांच करेगी।

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