साहित्य लहर

लंका

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

जब शासन नाकारा हो जाता है
अपनी नाकामी छुपाने को जनता का खून बेचकर
देश चलाता है।

जनता करे न कोई सवाल
इसीलिए धर्म का शरबत खूब पिलाया जाता है
मीडिया के द्वारा जनता को आपस में लड़ाया जाता है
संसद में होती है कानाफूसी
नेताओं के महफूज आशियानों में जाम से जाम टकराया जाता है
कुछ इस तरह देश को श्रीलंका बनाया जाता है ।

फिर एक दिन –
तन का कपड़ा, पेट की रोटी जनता से करती है सवाल
तब धर्म को खूंटी पर सुखाया जाता है
जनता ले लेती है कानून हाथ में,
सड़कों पर होता है तांडव
नेताजी को इंद्रासन से बाल पकड़ खींच लिया जाता है
पुलिस- फौज खड़ी तमाशा देखती रहती है…
गली-गली में रावण की अर्थी जलती है ।
जनता का टूटा संयम परिणाम भयंकर लाता है
हे ! भारत के इन्द्रदेव भोग-विलास से बाहर निकलो
लंका जली, जलेगी और जलने वाली है ।


¤  प्रकाशन परिचय  ¤

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मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

लेखक एवं कवि

Address »
ग्राम रिहावली, डाकघर तारौली गुर्जर, फतेहाबाद, आगरा, (उत्तर प्रदेश) | मो : 9876777233

Publisher »
देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड)

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देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।

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