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अनपढ़ और पढ़-लिखे भी अपराधी : पूर्व डीजीपी भी जांच के घेरे में

अब जांच पूर्ण होने के बाद ही पता चलेगा कि पूर्व डीजीपी का जमीन कब्जाने और पेड़ काटने का महल कितने पानी में है।

देहरादून। अनपढ़ अपराधी, पढ़-लिखे अपराधी, आईएस-पीसीएस अपराधी, नेता-विधायक अपराधी, शासन से भी अपराध तो प्रशासन से भी अपराधी नजर आ रहे हैं। अब सोचने वाली बात यह है कि कौन सा क्षेत्र है, जहां अपराधी नहीं हैं। हमारी देवभूमि में अब तक कई ऐसे मामले आ चुके हैं, जो पढ़े-लिखे होने के साथ अनपढ़ होने का सुबूत दे चुके हैं।

दरअसल, यह मामला है उत्तराखण्ड प्रशासन अर्थात पुलिस महकमे के पूर्व मुखिया का, जिन्होंने वर्ष 2012 में मसूरी वन प्रभाग के वीरगिरवाली गांव में यह जमीन खरीदी थी। मार्च 2013 में इस जमीन पर खड़े साल के 25 पेड़ काट दिए गए थे। वन विभाग ने इसकी जांच कराई तो पता चला कि संबंधित पेड़ जिस जमीन पर है, वह रिजर्व फॉरेस्ट है। फलस्वरूप, उन पर एनजीटी ने भी 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया था।

पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू पर यह भी आरोप था कि सिद्धू ने अवैध तरीके से जमीन खरीदी और इस पर खड़े पेड़ काट दिए। वन विभाग ने पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू के खिलाफ रिजर्व फॉरेस्ट में जमीन कब्जाने और पेड़ काटने के संबंध में शासन से मुकदमा दर्ज करवाने की अनुमति मांगी भी थी। 10 अक्तूबर को सचिव वन ने इसकी अनुमति भी दे दी। वर्तमान में पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है।

बहरहाल, अब जांच पूर्ण होने के बाद ही पता चलेगा कि पूर्व डीजीपी का जमीन कब्जाने और पेड़ काटने का महल कितने पानी में है।

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