साहित्य लहर

कविता : कहीं जाना चाहता हूं

इमरान,  बेगुसराय, बिहार

मैं कहीं जाना चाहता हूं,
बनारस जैसे शहर में,
तुम्हें ढूंढना चाहता हूं।
मुंबई जैसे शहर में,
तुम्हें सोचना चाहता हूं,

हर जगह,हर पल, हर दिन
फिर एक कविता लिखना
चाहता हूं।
तुम्हें देखे बिना,
तुम्हें छुए बिना,

तुम्हें महसूस किए बिना
फिर उस कविता को बार- बार
सुनना चाहता हूं!
तुम्हारी लफ्जों से,

फिर उसे मैं बनारस की
गलियों में छोर दूंगा!
ताकि जब जब उपन्यासों में
बनारस की गलियों की चर्चा हो
तो लोग तुम्हारी आवाजों को महसूस करें।
हमेशा हमेशा के लिए।


Devbhoomi Samachar

देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।

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