आपके विचार

प्रेम व सद्भाव का त्यौहार ‘होली’

सुनील कुमार माथुर

होली रंगों का पर्व हैं । आपसी प्रेम, मेलमिलाप व खुशियों का प्रतीक हैं होली । सभी वर्गों , धर्मों व विभिन्न परम्पराओं को मानने वाले लोगों को जोडता हैं । होली का त्यौहार संस्कृति की विविधता और जीवन की खुशी का परिचायक है । यह भारत का प्रमुख त्यौहार हैं । सामाजिक व धार्मिक त्यौहार हैं रंगों का त्यौहार हैं । यही वजह है कि होली सभी वर्ग के लोग खेलते हैं । क्या स्त्री, क्या पुरूष , क्या बच्चे व क्या बुजुर्ग । हर कोई उत्साह व उमंग के साथ होली खेलता हैं ।

होली में जाति भेद व रंगभेद व वर्णभेद का कोई स्थान नहीं है । लकडियां व कंडो का ढेर लगाकर होली का पूजन किया जाता हैं । होली की पूजा अर्चना बडे ही उत्साह के साथ की जाती हैं । गोबर से बनी गुलरियां ( माला ) होली पर चढाई जाती हैं । भारतीय संस्कृति में मान्यता हैं कि होलिका की अग्नि में हवन सामग्री डालकर वातावरण को शुद्ध किया जाता हैं । इससे अनेक प्रकार के कष्ट दूर होते हैं । वहीं वातावरण शुध्द होता हैं जिसका प्रभाव मनुष्य के जीवन पर पडता हैं ।

इस अवसर पर ढोल व चंग बजाकर होली के गीत गायें जाते हैं । घर – घर जाकर रंग लगाया जाता हैं । वही हानिकारक रंगों से भी बचना चाहिए । रंगों से बचने के लिए सूती व आस्तीन वाली बुशर्ट पहनी चाहिए । बरसाने की लठमार होली प्रसिद्ध हैं । इसमें पुरूष महिलाओं पर रंग डालते है और महिलाएं उन्हें लाठियों और कपडे के बनाये गये कोडो से मारती हैं ।

Related Articles

होली अंहकार , ईर्ष्या व वैरभाव की जलाई जाती हैं जिसके उपरांत ही निष्काम प्रेम की कामना पूर्ण होती हैं । पुरानी दुश्मनी , कटुता भूलकर पुनः दोस्त बन जाते हैं । होली दोपहर तक खेली जाती हैं । बाद में स्नान करके एक दूसरें के घर जाकर होली की मुबारकबाद दी जाती हैं । वही आने वाले का पकवानों व मिष्ठान्न से स्वागत करते हैं । एक दूसरे से गले मिलते हैं चूंकि यह तो मौज मस्ती का त्यौहार हैं । इस दिन धार्मिक व सांस्कृतिक रंग दिखाई देता हैं । वही यह सदभावना के साथ मनायी जाती हैं ।

होली आपसी प्रेम व सद् भावना का त्यौहार हैं । होली पर जलाये बुराईयां , हटायें मलाल , लगाईये गुलाल । अपने बीच हुए मन मुटावो को दूर कर स्नेह की गुलाल लगायें एवं प्रेम व स्नेह का सन्देश जन – जन तक पहुंचायें । होली के रंग खुशियों के संग । होली का अर्थ हैं नफरत व घृणा को बाहर निकाल कर प्रेम करों । नफरत की होली जलाओ । प्रेम का रंग बरसाओ । मस्ती में डूब जाओं । हंसो और हंसाओं।


¤  प्रकाशन परिचय  ¤

Devbhoomi
From »

सुनील कुमार माथुर

लेखक एवं कवि

Address »
33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)

Publisher »
देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड)

Devbhoomi Samachar

देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।

Related Articles

6 Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Verified by MonsterInsights