हाईकोर्ट : पॉक्सो में दर्ज केस को खारिज करने के आदेश

राज्य सरकार की ओर से कंपाउंडिंग आवेदन का विरोध करते हुए कहा गया कि आईपीसी की धारा 363, 366, 376 और यौन अपराधों से …
नैनीताल। नैनीताल हाईकोर्ट ने रुद्रपुर में पॉक्सो की फास्ट ट्रैक कोर्ट को पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज दुष्कर्म के एक मामले को खारिज करने का आदेश दिया है। इस मामले में आरोपी और दुष्कर्म पीड़िता को अदालत के समक्ष पेश किया गया। पीड़िता ने बताया कि उसने अन्य व्यक्ति से शादी कर ली है और वह अपने मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहती है। जब उसके साथ दुष्कर्म हुआ था उस वक्त वह 17 साल की थी। मामले की सुनवाई न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ में हुई।
मामले के अनुसार, दुष्कर्म पीड़िता की मां ने रुद्रपुर कोतवाली में 16 नवंबर 2020 को अनीस रजा के विरुद्ध उसकी नाबालिग बेटी को शादी के लिए मजबूर करने के लिए अपहरण करने व दुष्कर्म करने का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद नाबालिग को आरोपी के घर से बरामद कर लिया था। आरोपित को भी गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद नाबालिग को मेडिकल जांच के लिए भेजा गया, जहां दुष्कर्म की पुष्टि हुई। इसके बाद दुष्कर्म और पॉक्सो अधिनियम को प्राथमिकी में जोड़ा गयाऔर चार्जशीट दाखिल की गई।
इसी बीच, आरोपी हाईकोर्ट पहुंचा। आरोपी अनीस रजा की ओर से कंपाउंडिंग आवेदन दायर किया गया था। राज्य सरकार की ओर से कंपाउंडिंग आवेदन का विरोध करते हुए कहा गया कि आईपीसी की धारा 363, 366, 376 और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) व धारा-320 सीआरपीसी में केस कम्पाउंड नहीं हो सकता। अनीस के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि अनीस ने अपने मामा की बेटी के साथ दूसरी शादी कर ली है, जबकि पीड़िता की शादी भी अपनी पसंद के व्यक्ति से हो चुकी है।
दोनों अपने वैवाहिक दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। अदालत ने कहा कि इस स्तर पर ट्रायल जारी रखने की अनुमति देने से आरोपी और पीड़िता दोनों का परिवार खराब होगा। अदालत ने आरोपी को सीआरपीसी की धारा 482 के तहत आवेदन पेश करने की अनुमति दी। कोर्ट ने कहा कि चूंकि दोनों ने शादी कर ली है, वैवाहिक जीवन में प्रवेश करने के दौरान दोनों बालिग भी हैं और मुकदमा नहीं चाहते। ऐसे में अपराध करने की तिथि 15 नवंबर, 2020 को नजर अंदाज किया जा सकता है।