चुनाव से पहले हरक और हरीश खुलकर मैदान में

चुनाव से पहले हरक और हरीश खुलकर मैदान में, हाईकमान के स्तर से पेनलिस्ट भेजे जाते हैं, जो ब्लॉक स्तर तक कार्यकर्ताओं की राय जानते हैं। इसके अलावा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के स्तर से भी तीन-तीन नामों के पैनल भेजे जाते हैं। 

देहरादून। हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस के दो दिग्गज नेता हरीश रावत और पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत दावेदारी के लिए खुलकर मैदान में है। पिछले कुछ समय से दोनों दिग्गजों की चुनाव क्षेत्र में बढ़ी सक्रियता को टिकट की दावेदारी के तौर पर देखा जा रहा है। मजेदार बात यह है कि बयानों के जरिये दोनों दिग्गज एक-दूसरे की काट करने से भी नहीं चूक रहे हैं। पिछले दिनों हरीश रावत हरिद्वार पहुंचे तो वहां गन्ना किसानों के मुद्दे पर धरने पर बैठ गए।

सिर्फ इतना नहीं सड़क किनारे खुले में नहाने का उनका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। उनके इस प्रदर्शन से जिला प्रशासन भी दबाव में दिखा। पूर्व सीएम रावत हरिद्वार से सांसद रह चुके हैं। पिछले चुनाव में पार्टी ने उन्हें हरिद्वार के बजाय नैनीताल लोस सीट से उतारा था। लेकिन हरिद्वार लोस क्षेत्र से हरीश का मोह छूटा नहीं है। उनकी बेटी अनुपमा रावत हरिद्वार ग्रामीण से विधायक हैं। अपने समर्थकों और बेटी के समर्थन के बहाने हरीश रावत जब चाहते हैं, हरिद्वार के सरोकारों के लिए मैदान में उतर जाते हैं।

हरीश भले ही मैदान में उतरने में बहुत सहज हों लेकिन विस चुनाव के दौरान भाजपा से कांग्रेस में लौटे पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की वजह से इस समय वह कुछ असहज हैं। सियासी जानकारों का मानना है कि हरक सिंह रावत की हरिद्वार में बढ़ी सक्रियता बता रही है कि वे लोस चुनाव में ताल ठोकने को बेताब हैं। उन्होंने अपनी दावेदारी की संभावना से इंकार भी नहीं किया है।

हालांकि, हरीश खेमे का तर्क है कि हरक इस शर्त पर ही कांग्रेस में लौटे हैं कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। इस बीच दोनों दिग्गजों की दावेदारी के बीच प्रदेश कांग्रेस असहज है। पार्टी नेताओं का मानना है कि टिकट की दावेदारी से पहले सांगठनिक मजबूती का सवाल है, जिसके दम पर चुनाव लड़ा जाना है। कांग्रेस में प्रत्याशियों के चयन की एक प्रक्रिया होती है।

हाईकमान के स्तर से पेनलिस्ट भेजे जाते हैं, जो ब्लॉक स्तर तक कार्यकर्ताओं की राय जानते हैं। इसके अलावा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के स्तर से भी तीन-तीन नामों के पैनल भेजे जाते हैं। अंतिम निर्णय पार्टी हाईकमान के स्तर से ही लिया जाता है। उत्तराखंड में पीसीसी ने आम चुनाओं के लिए अपने स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है। संभावित उम्मीदवारों के नाम भी सामने आने लगे हैं, लेकिन अभी इसका खुलासा नहीं किया जा सकता।

– करन माहरा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उत्तराखंड

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चुनाव से पहले हरक और हरीश खुलकर मैदान में, हाईकमान के स्तर से पेनलिस्ट भेजे जाते हैं, जो ब्लॉक स्तर तक कार्यकर्ताओं की राय जानते हैं। इसके अलावा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के स्तर से भी तीन-तीन नामों के पैनल भेजे जाते हैं। 

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