साहित्य लहर
गुरु महिमा

सुनील कुमार
ज्ञान की बात बताते हैं
सदाचार का पाठ पढ़ाते हैं
अवगुणों को हमारे दूर कर
गुणवान बनाते हैं
गुरु हमें जीना सिखाते हैं।
अंतर्मन का तम हरने को
ज्ञान का दीप जलाते हैं
सही-गलत में भेद बताकर
जीवन राह दिखाते हैं
गुरु हमें जीना सिखाते हैं।
वैर करो न आपस में तुम
मिलकर रहना सिखाते हैं
सुपथ पर हमें चलाते
कुपथ से सदा बचाते हैं
गुरु हमें जीना सिखाते हैं।
एक साधारण बालक को
सम्राट चंद्रगुप्त बनाते हैं
ब्रह्मा-विष्णु और महेश
गुरु में समाते हैं
गुरु हमें जीना सिखाते हैं।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
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From »सुनील कुमारलेखक एवं कविAddress »ग्राम : फुटहा कुआं, निकट पुलिस लाइन, जिला : बहराइच, उत्तर प्रदेश | मो : 6388172360Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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