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परोपकार की महिमा

सुनील कुमार माथुर

जीवन में परोपकार का बडा ही महत्व है । इसलिए कहा जाता है कि देने में खुशियां व लेने में दु:ख होता है । जब आप से कोई गलती हो जायें तो सामने वाले से माफी मांग लेनी चाहिए चाहे वह छोटा हो या बडा माफी मांगने से जी भी हल्का हो जाता हैं । हम जैसे कर्म करेगे वैसा ही फल भोगना होगा । इसमें कोई दो राय नहीं है।

हमें हमेंशा अपनी सामर्थ्य के अनुसार दूसरों की मदद करनी चाहिए । न जानें कौन किस रुप में हमसे मदद मांग रहा हैं । जब भी मदद करें तब दिल से मदद करें एवं दिल में मदद करने का भाव जागृत करे । फल कब , कहा , कैसे मिलेगा । यह भले ही निश्चित नही है लेकिन किये गये कार्यो का फल अवश्य मिलता हैं।

परोपकार की महिमा तो अपरम्पार है । इसमें कंजूसी न करें । एक समय की बात है । मनोज मंदिर जा रहा था तभी उसकी पत्नी ने कहा कि आप मंदिर जा ही रहे हो तो यह नीम्बू सत्यनारायण जी के मंदिर में चढा कर ही दुकान जाना । मनोज जैसे ही भगवान सत्यनारायण के समक्ष निम्बू रखकर झुका की आवाज आई बेटा भगवान तेरा भला करे।

मनोज ने जैसे ही गर्दन ऊपर की तो क्या देखता है कि सामने पुजारी जी की मां खड़ी है । उसने मनोज के सिर पर हाथ फैरते हुए कहा , बेटा ! भगवान तुम्हारा भला करे और तेरा करोबार खूब फले फूले । उसने कहा कि बेटा ! सवेरे से आज सिकंजी पीने की इच्छा हो रही थी । बेटे को कई बार निम्बू लाने को कहा , मगर वह नालायक नही लाया । भगवान ने मेरी सुन ली और तुम्हें निम्बू लेकर भेज दिया।

प्रसाद लेकर मनोज दुकान चला गया । उस दिन और दिनों की अपेक्षा धंधा अच्छा हुआ । मनोज ने घर जाकर मां को यह बात बताई । तब मां ने कहा , बेटा ! हो सकता हैं कि वे सत्यनारायण भगवान ही हो और पुजारी जी की मां का रूप धारण करके प्रकट हुए हो । उनके आशीर्वाद से ही आज कारोबार अच्छा हुआ । मां ने मनोज से कहा कि बेटा ! परोपकार की महिमा अपरम्पार है । कहने का तात्पर्य यह हैं कि दान – पुण्य करते रहना चाहिए।

निस्वार्थ भाव से सेवा करने का पुण्य वही जानता है जो दान पुण्य करता है । अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान पुण्य जरूर करे , लेकिन उसका प्रचार प्रसार न करे । विश्वास व दूसरों का सम्मान करना सीखें , वही दूसरी ओर अंहकार व अभिमान का त्याग करें।


¤  प्रकाशन परिचय  ¤

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सुनील कुमार माथुर

स्वतंत्र लेखक व पत्रकार


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33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)


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देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड)

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देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।

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