गणेश जी हमारे प्रथम पूज्यनीय देवता है : माथुर
सुनील कुमार माथुर
गणेश जी हमारे प्रथम पूज्यनीय देवता है । भारतीय संस्कृति में शायद ही कोई ऐसा शुभ कार्य होगा जिसमें हम गजानंद जी को आमंत्रित न करते हो । चूंकि वे विध्न विनाशक और बुध्दि के देवता है । यह उद्गगार कु ० अंशुल माथुर ने आनलाईन कार्यक्रम में व्यक्त किये ।
अंशुल माथुर ने बताया कि गणेश महोत्सव आते ही देश भर में भक्ति का माहौल छा जाता हैं । वैसे भी भारतीय सभ्यता और संस्कृति में तीज त्यौहारों का बडा ही महत्व है और यही वजह है कि देश भर में हर समय भक्तिमय वातावरण देखने को मिलता है।
चूंकि कश्मीर से कन्याकुमारी तक हमारा देश एक है और यहां छतीस कौम रहती है और अपने अपने तीज त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाते है जो की कौमी एकता की एक अनूठी मिसाल है।
उनका कहना है कि गणेश उत्सव पर मेरी गजानंद जी से यही विनती है कि विश्व भर में अमनचैन और भाईचारे की भावना बनी रहें और सर्वत्र शांति , सद् भावना और खुशहाली का वातावरण बना रहें।
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¤ प्रकाशन परिचय ¤
From »सुनील कुमार माथुरस्वतंत्र लेखक व पत्रकारAddress »33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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