उत्तराखण्ड समाचार

शिक्षामंत्री के 20 दिन में नियुक्ति के वादे की उड़ी धज्जियां

अधिकारियों की ढीली कार्यशैली ने शिक्षामंत्री के 20 दिन में नियुक्ति के वादे की उड़ाई धज्जियां, प्राथमिक शिक्षक भर्ती का भविष्य अंधकारमय

(देवभूमि समाचार)

डायट डीएलएड प्रशिक्षितों ने भर्ती में हो रही जिला और निदेशालय स्तर से हो रही देरी को लेकर शिक्षा निदेशालय में निदेशक प्राथमिक शिक्षा से मुलाकात की और मेरिट नही निकलने की समस्याओं से अवगत कराया। संघ ने जब 55 दिन का धरना समाप्त किया तब निदेशक प्राथमिक शिक्षा द्वारा वादा किया गया था कि 8 अक्टूबर से सबको नियुक्ति दी जाएगी। परन्तु आज अक्टूबर माह समाप्त होने को आया तब भी काम पूरा नही हुआ।

प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि निदेशक सर द्वारा सबको ईमेल से प्रत्यावेदन मंगाया गया था परन्तु निदेशक के आदेशों को deo स्तर से नही माना गया जिससे कि अभी तक भर्ती पूरी न करने के पूरे बहाने विभाग के पास हैं। साथ ही प्रतिनिधिमण्डल द्वारा ये भी बताया गया कि जिन जिलों ने ऑनलाइन प्रत्यावेदन मंगाया गया था उनमे से भी अधिकांश जिलो में काम हुआ है और कई जिलों ने काम मे लापरवाही की गई है। अधिकारियों की गलती को राज्य के बेरोजगार और राज्य के सरकारी स्कूलो में पढ़ने वाले मासूम बच्चों को झेलना पड़ रहा है।

राज्य सरकार 2 साल से कोर्ट से भर्ती को बाहर लायी है और अब 3 महीने होने को है पर मेरिट वाले कार्य को विभाग ने पूर्ण नही कराया। कल के दिन अगर कोई कोर्ट चले जाएगा तब सरकार और विभाग कोर्ट का बहाना बना देगी। प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि 1 सितंबर को माननीय कोर्ट द्वारा प्राथमिक शिक्षक भर्ती को शीघ्र अति शीघ्र पूर्ण करने का आदेश दिया गया था परंतु शिक्षा विभाग की नाकामियों के कारण प्राथमिक शिक्षक भर्ती अपनी मंजिल तक अभी तक नहीं पहुंच पाई है।

विभाग से पूछने पर बार-बार नया बहाना बनाया जा रहा है और यह कहा जा रहा है कि भर्ती जल्दी ही पूरी होगी लेकिन कोई निश्चित तारीख नहीं दी जा रही है। हमारे राज्य में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने हैं और जल्दी ही यहां आचार संहिता भी लग जाएगी। हमारे शिक्षा मंत्री तथा शिक्षा विभाग से यही मांग है कि प्राथमिक शिक्षक भर्ती को जल्दी से जल्दी पूरा किया जाये।

दुःख इस बात का है कि मुख्यमंत्री जी द्वारा 22000 पदों की घोषणा जिसमे से लगभग 3000 पद प्राथमिक शिक्षक के हैं, केवल घोषणा मात्र बन कर रहने की संभावना है, अधिकारियों द्वारा शिक्षामंत्री जी के 20 दिन के वादे को एक मात्र घोषणा करार दिया गया। जो कि सरकार का अधिकारियों पर कोई जोर नही को दर्शित करता है। प्रतिनिधिमंडल का कहना है कि इस बार की दीपावली भी लोगो के तानो और बेरोजगारी में बीतेगी। बेरोजगार प्रशिक्षितों को शिक्षामंत्री जी द्वारा इस बार दीपावली में उपहार के रूप में रोजगार प्राप्त होने की आशा थी परंतु लगता है इस बार की दिवाली भी बेरोजगारी में बीतेगी।

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