साहित्य लहर
मत काटो पेड़ों की डाली
सुनील कुमार
मत काटो इन हरे-भरे पेड़ों की डाली
वरना मिट जाएगी धरा से हरियाली।
सदियों से हमको देते आये ये
घनी छांव और शुद्ध हवा निराली
दूषित वायु धरा की खुद ही पी डाली
मत काटो इन हरे-भरे पेड़ों की डाली।
हरे-भरे पेड़ों से ही है धरा पर खुशहाली
मिटी धरा से हरियाली तो होगी बड़ी बदहाली
मत काटो इन हरे-भरे पेड़ों की डाली।
सोचो अगर नहीं बची धरा पर हरियाली
फिर क्या बच पाएगी जान हमारी- तुम्हारी
मत काटो इन हरे-भरे पेड़ों की डाली।
बचा सको तो बचा लो धरा की हरियाली
हरे-भरे पेड़ों से ही है जीवन में खुशहाली
मत काटो इन हरे-भरे पेड़ों की डाली।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
From »सुनील कुमारलेखक एवं कविAddress »ग्राम : फुटहा कुआं, निकट पुलिस लाइन, जिला : बहराइच, उत्तर प्रदेश | मो : 6388172360Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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