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आपके विचार

अनुशासन ही आदर्श जीवन जीने की कला है…

सुनील कुमार माथुर

जीवन में अनुशासन का अपना एक अलग ही महत्व है । यह आदर्श जीवन शैली हैं जिससे हर कार्य आसानी से सम्पन्न हो जातें है अनुशासन के बिना मानव जीवन पशु तुल्य है । अनुशासन हमें देश भक्ति का पाठ पढाता है । इससे हमारे व्यक्तित्व में निखार आता हैं और अनुशासित व्यक्ति ही समाज को एक नई दशा व दिशा प्रदान कर सकता हैं ।

जीवन में जो व्यक्ति अनुशासन में रहता हैं समझो उसने जीवन को सही ढंग से निर्वाह करना सीख लिया हैं । एक तरह से अनुशासन एक आदर्श जीवन जीने की कला है । व्यक्ति अनुशासन में तभी रह सकता हैं जब वह आदर्श संस्कारों से ओतप्रोत हो । अतः संस्कारों व अनुशासन का चोली दामन का साथ हैं । यहीं वजह है कि जहां अनुशासन हैं वही आदर्श संस्कार हैं ।

लेकिन आज आदर्श संस्कारों के अभाव के चलतें कहीं भी अनुशासन दिखाई नहीं देता हैं । चूंकि हम पाश्चात्य संस्कृति के रंग में इतनें रंग गयें है कि माता – पिता को क्लबों से छुट्टी नहीं मिलती तो भला वे क्या अपनें बच्चों को संस्कार और अनुशासन का पाठ पढायेगे । शिक्षा के पावन मंदिर आज लूट खसोट के केन्द्र बन गयें है । संचालकों को मात्र मोटी रकम फीस के बहाने चाहिए । आज स्कूलों में शारीरिक श्रम का अभाव चूंकि शारीरिक श्रम कराने वाले शिक्षकों का अभाव हैं । ऐसे में बच्चों को कौन आदर्श संस्कारों का ज्ञान करायेगा और कौन अनुशासन सीखायेगा । नतीजन आज का युवा वर्ग बात – बात में उग्र होकर तोडफोड , आगजनी , हिंसा करता हैं और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लिप्त होकर अपने ही राष्ट्र को हानि पहुंचा रहा हैं ।

अनुशासन का अपना एक अलग ही महत्व है । अनुशासन में रहकर व्यक्ति सकारात्मक सोच रख सकता हैं और अपनी प्रतिभा को निखार कर घर – परिवार , समाज व राष्ट्र हित का कार्य कर सकता हैं । किसी भी निर्धारित लक्ष्य को हम तभी आसानी से हासिल कर सकतें है जब हम अनुशासन में रहकर कार्य करें । अनुशासित व्यक्ति के लिए कोई भी कार्य छोटा या मोटा नहीं होता हैं अपितु वे हर कार्य को धैर्य के साथ व मन लगाकर करतें है और किसी भी कार्य से जी नहीं चुराते है अपितु हर कार्य को समय सीमा में ही कुशलता के साथ कर अपनी मंजिल को हासिल करतें है ।

अनुशासन में रहकर जो व्यक्ति कार्य करता हैं सफलता उसके कदम अवश्य ही चूमती हैं । इतना ही नहीं ऐसे व्यक्ति सबको धैर्य के साथ सुनते हैं और फिर उनकी राय व सुझावों पर चिन्तन मनन कर जो सही हो उस पर कार्य करतें हुए आगें बढते हैं । ऐसे व्यक्ति सदैव कुछ न कुछ नया सीखते ही रह्ते है चूंकि सिखने की कोई उम्र नहीं होती हैं । आपको जब कोई चीज अच्छी लगी , प्रेरणादायक व ज्ञानवर्धक लगी तत्काल सीख लीजिए । चूंकि ज्ञान एवं शिक्षा ऐसी चीज हैं जो बांटने से हमेशा बढती ही हैं ।

अगर आप अपने ज्ञान व हुनर से किसी को लाभान्वित करतें है तो सामने वाला भी बेहिचक अपने ज्ञान व हुनर से आपकों लाभान्वित करेंगा और इस प्रकार ज्ञान के आदान – प्रदान से ही व्यक्ति के व्यक्तित्व में निखार आता हैं और उसका समाज में मान -सम्मान व यश एवं प्रतिष्ठा बढती हैं । उसके अनुभव का लाभ हर कोई लेना चाहता हैं ।

अगर कोई आप से आयु व पद में छोटा हैं लेकिन अनुभवी हैं, ज्ञानवान है तो आप उसे छोटा न समझें , उसकी उपेक्षा न करें अपितु बिना लाज शर्म के उसके अनुभव का लाभ लीजिए और जीवन में आत्मसात कीजिए । तभी आपका व्यक्तित्व निखर पायेगा । जीवन में कई अवसर ऐसे आते हैं कि जब आप कुछ नया सिखना चाहतें है लेकिन आपकी आर्थिक स्थिति इसमें बाधक बन जाती हैं । आपकों कोई निःशुल्क सिखाने वाला नहीं मिलता हैं तो कभी ऐसा भी समय आता हैं कि कोई आपकों निःशुल्क सिखाने को भी तैयार हैं लेकिन आपके पास स्वंय का साधन नहीं है ।

लेकिन दुःख तब होता हैं जब आपके पास समय भी है , सिखने के लिए साधन भी हैं और आपकों निःशुल्क सिखाने वाला भी हैं लेकिन आप सीखना नहीं चाहतें है चूंकि जब आपकी आदत ही ऐसी पड गई हैं कि आप हर किसी के आगे गिडगिडा कर अपना काम निकाल लेते हैं । आपकी यहीं प्रवृत्ति आपके पैरों पर अपनी ही कुल्हाड़ी मार रही हैं ।

जब तक आप में सिखने की ललक नहीं होगी तब तक आप प्रगति के पथ पर आगें नहीं बढ सकतें और सफलता को हासिल नहीं कर सकतें । आज का युग नवीन तकनिकी का युग हैं इसलिए व्यक्ति को हर वक्त कुछ न कुछ सीखते रहना चाहिए न जानें कब कौन सा ज्ञान कहां काम आ जायें । जीवन में वे लोग ही आगें बढते हैं जिसमें अनुशासन होता हैं और हर वक्त कुछ नया सिखने के लिए वे तैयार रह्ते है । जिस व्यक्ति ने यह बात गांठ बांध ली समझों वह जीवन में सदैव सफलता पाते हुए आगे बढता ही जायेंगा एवं हर बार सफलता उसके कदम चूमती रहेंगी।


¤  प्रकाशन परिचय  ¤

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सुनील कुमार माथुर

लेखक एवं कवि

Address »
33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)

Publisher »
देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड)

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देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।

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