साहित्य लहर
दहेज का दानव
सुनील कुमार माथुर
इस सभ्य कहे जाने वाले समाज में
दहेज का दानव फन फैलाये बैठा है
दहेज में कार , स्कूटर , फ्रीज , बंगला
नकदी , कपडे लते की मांग को लेकर
वह आये दिन नव वधुओं को
यातनाएं दे रहा है
आत्म हत्या के लिए मजबूर कर रहा है
यहां तक की दहेज की मांग पूरी न होने पर
उसे जिन्दा जलाया जा रहा है
इतना होने के बावजूद भी
हमारे कानून कायदों के शिंकजे से
दहेज के यह भूखे भेड़िये
सरे आम बच निकल रहे है
आखिर यह दहेज का दानव कब तक
इस नश्वर संसार में
नव वधुओं को यूं ही डसता रहेगा
¤ प्रकाशन परिचय ¤
From »सुनील कुमार माथुरलेखक एवं कविAddress »33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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