
- रीना-फरजाना मामला: फेसबुक दोस्ती से सीमा-पार पहचान बदलने तक
- फेसबुक प्रेम या सुरक्षा खतरा? रीना और ममून का विवादित केस
- पहचान, धर्म और दस्तावेज़ी हेराफेरी: त्यूणी रीना का सीमा-पार मामला
- सोशल मीडिया दोस्ती से एंटी-नेशनल शक तक: रीना-फरजाना केस की जांच
देहरादून। देहरादून पुलिस द्वारा उजागर किया गया त्यूणी क्षेत्र से जुड़ा यह मामला जितना साधारण दिखता था, उतना ही जटिल और चौंकाने वाला साबित हो रहा है। फेसबुक पर हुई एक सामान्य-सी दोस्ती ने न सिर्फ दो देशों की सीमाएं पार कर लीं, बल्कि पहचान बदलने, धार्मिक रूपांतरण, फर्जी दस्तावेज़ तैयार कराने और सुरक्षा से जुड़े गंभीर प्रश्न भी खड़े कर दिए हैं। पुलिस और खुफिया एजेंसियाँ इस पूरे प्रकरण को अब केवल एक प्रेम कहानी नहीं, बल्कि एक संभावित संवेदनशील और एंटी-नेशनल एंगल वाले केस के रूप में देख रही हैं।
जानकारी के अनुसार त्यूणी क्षेत्र की रहने वाली रीना चौहान की फेसबुक पर बांग्लादेश के युवक ममून हसन (28) से दोस्ती हुई थी। यह संबंध धीरे-धीरे इतना गहरा हो गया कि ममून कई बार टूरिस्ट वीज़ा पर भारत आया और दोनों ने देहरादून तथा त्यूणी क्षेत्र में महीनों साथ बिताए। इस अवधि में दोनों की गतिविधियों, ठहरने के स्थानों और दस्तावेज़ों की जांच अब पुलिस विशेष सतर्कता के साथ कर रही है। पुलिस का यह भी मानना है कि इन यात्राओं के पीछे केवल प्रेम संबंध ही नहीं, बल्कि उससे अधिक जटिल उद्देश्य भी हो सकते हैं।
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मामले की जांच में सबसे बड़ा मोड़ तब आया जब यह सामने आया कि ममून के भारत छोड़ने से पहले रीना ने उसकी मदद करते हुए अपने पूर्व पति सचिन के नाम पर पहचान से जुड़े दस्तावेज़ तैयार कराए। पुलिस का कहना है कि यह काम अकेले रीना ने नहीं किया बल्कि उसके कुछ रिश्तेदार भी इस प्रक्रिया में शामिल थे। इस तरह बनाए गए दस्तावेज़ों के माध्यम से ममून ने भारत में अपनी असली पहचान छिपाने का प्रयास किया, जो अब सुरक्षा एजेंसियों की नजर में बेहद गंभीर अपराध माना जा रहा है। इन दस्तावेज़ों की सत्यता की जांच फॉरेंसिक स्तर पर की जा रही है।
इस प्रेम कहानी में दूसरा और सबसे चौंकाने वाला मोड़ तब आया जब रीना बांग्लादेश पहुंची। वहां उसके नाम, धर्म और पहचान से जुड़े सभी दस्तावेज़ों को बदल दिया गया। बांग्लादेशी अभिलेखों में उसका नया नाम ‘फरजाना अख्तर’ दर्ज मिला है और दस्तावेज़ों में वह बुर्खा पहने दिखाई दे रही है। पुलिस को मिले कागज़ात के अनुसार रीना ने बांग्लादेश में ममून से निकाह भी किया और वहीं उसकी नई पहचान के साथ रहने लगी। यह वही रीना है जो भारत में हिंदू पहचान के साथ मंगलसूत्र पहनकर रहती थी, जबकि बांग्लादेश में उसने पूरी तरह मुस्लिम पहचान धारण कर ली थी। इस पहचान परिवर्तन और दस्तावेज़ी हेराफेरी ने जांच को और गंभीर बना दिया है।
यह पूरा मामला तब सामने आया जब 20 नवंबर को देहरादून पुलिस ने संदिग्ध गतिविधियों के चलते दो युगलों को गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान न सिर्फ युवक के बांग्लादेशी होने की पुष्टि हुई, बल्कि रीना की बदली हुई पहचान और उसके निकाह से जुड़े तथ्य भी सामने आए। पुलिस का मानना है कि यह सिर्फ एक प्रेम विवाह नहीं, बल्कि इसके पीछे किसी संगठित नेटवर्क की भूमिका भी हो सकती है, जो फर्जी दस्तावेज़ बनवाने, धार्मिक पहचान बदलने और सीमा-पार आवाजाही को आसान बनाने में शामिल रहा हो।
एसएसपी अजय सिंह के अनुसार पुलिस इस मामले के हर पहलू की गहन जांच कर रही है, जिसमें फर्जी दस्तावेज़ों की तैयारी, पहचान छिपाना, बार-बार सीमापार यात्रा करना, धार्मिक पहचान बदलना और सुरक्षा जोखिम जैसे सभी बिंदु शामिल हैं। इंटेलिजेंस एजेंसियाँ भी इस मामले में जुड़ गई हैं ताकि यह समझा जा सके कि कहीं यह संपूर्ण घटनाक्रम किसी बड़े नेटवर्क या संदिग्ध गतिविधि से तो जुड़ा नहीं।
यह मामला सोशल मीडिया के माध्यम से बने संबंधों की वास्तविकता, उनकी खतरनाक संभावनाओं और पहचान से जुड़े अपराधों के गंभीर परिणामों को भी सामने लाता है। जांच आगे बढ़ने के साथ कई और परतें खुलने की संभावना है, और पुलिस का कहना है कि आने वाले दिनों में इस मामले में और बड़े खुलासे हो सकते हैं।





