साहित्य लहर
मेरा सर्वस्व अर्पित

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
सांस-सांस समर्पित, मेरे प्राण समर्पित ।
है निवेदन !
करो स्वीकार
रक्त का कण -कण ।
न झुकने दूंगा भाल, मैं बनूंगा निर्बलों की ढाल ।
हे भारत माता !
मेरा तन समर्पित,
मेरा मन समर्पित ।
हरगिज न डरूं, कर्त्तव्यपथ पर निरंतर चलूं ।
है युद्ध मेरा !
आस्तीन में छिपे सांपों से
दूं फन इनका कुचल,
मैं हो जाऊं इतना कुशल ?
मेरे देश की धरती, तुझ पर यह शीश समर्पित,
मेरा सर्वस्व अर्पित।
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¤ प्रकाशन परिचय ¤
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From »मुकेश कुमार ऋषि वर्मालेखक एवं कविAddress »संचालक, ऋषि वैदिक साहित्य पुस्तकालय | ग्राम रिहावली, डाकघर तारौली गुर्जर, फतेहाबाद, आगरा, (उत्तर प्रदेश) | मो : 9627912535Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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