उत्तराखण्ड रोडवेज में आर-पार की लड़ाई, यूपी की बस में यात्रा को मजबूर

उत्तराखण्ड रोडवेज में आर-पार की लड़ाई, यूपी की बस में यात्रा को मजबूर… अपना आंदोलन स्थिगत करने से मना कर दिया। कर्मचारियों ने कहा कि 31 जनवरी से पूरे प्रदेश में बेमियादी हड़ताल शुरू कर बसों का चक्का-जाम कर…
देहरादून। उत्तराखंड रोडवेज बसों की हड़ताल के चलते शुक्रवार 27 जनवरी से समस्त गढ़वाल मंडल में बसों का संचालन ठप है। शुक्रवार को देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, रुड़की, कोटद्वार और श्रीनगर डिपो से अब तक किसी बस का संचालन नहीं हुआ। यात्री पर्वतीय मार्गों पर निजी बस या ट्रेकर का सहारा ले रहे हैं।
दिल्ली, चंडीगढ़, सहारनपुर, मेरठ, फरीदाबाद, गुरुग्राम, अम्बाला, बरेली, मुरादाबाद समेत सभी लंबी दूरी के मैदानी मार्गों पर भी बस संचालन ठप है। यात्री उत्तर प्रदेश की रोडवेज बसों में यात्रा को मजबूर हैं। शुक्रवार को देहरादून मंडल में एक दिन की हड़ताल का कार्यक्रम पूर्व निर्धारित है और 31 जनवरी की मध्य रात्रि 12 बजे से पूरे प्रदेश में बेमियादी हड़ताल की चेतावनी दी हुई है।
इससे घबराए प्रबंधन ने सुलह वार्ता के प्रयास करते हुए कर्मचारियों से बुधवार शाम वार्ता की थी, जो विफल रही थी। दिल्ली मार्ग समेत जयपुर, चंडीगढ़, फरीदाबाद, गुरुग्राम, आगरा, लखनऊ, मुरादाबाद, बरेली, धर्मशाला, पानीपत, लुधियाना, सहारनपुर आदि समेत स्थानीय मार्गों पर भी बस संचालन पूरी तरह बंद रहेगा।
गुरुवार को रोडवेज प्रबंधन ने कर्मचारियों को सुलह वार्ता के लिए बुलाया था, लेकिन रोडवेज के प्रबंध निदेशक रोहित मीणा खुद वार्ता में नहीं पहुंचे। इससे कर्मचारियों का आक्रोश बढ़ गया और उन्होंने अपना आंदोलन स्थिगत करने से मना कर दिया। कर्मचारियों ने कहा कि 31 जनवरी से पूरे प्रदेश में बेमियादी हड़ताल शुरू कर बसों का चक्का-जाम कर दिया जाएगा।
करीब 3000 संविदा व विशेष श्रेणी कर्मचारियों के नियमितीकरण व तत्काल 500 बसों की खरीद की मांग को लेकर रोडवेज के पांच कर्मचारी संगठनों के संयुक्त मोर्चा ने सोमवार से आंदोलन शुरू किया हुआ है। सोमवार को टनकपुर मंडल और मंगलवार को नैनीताल मंडल में एक दिन की हड़ताल रही और बस संचालक शत प्रतिशत ठप रखा गया था।
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