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साहित्य लहर

बाल अपराध

नीता नगपुरे
बालाघाट (मध्य प्रदेश)

क्या लिखूं मैं उस मासूमियत के लिए ,
जिसे सुन हाथों से कलम छूट जाती है।
हृदय मेरा सहम जाता है।

उनकी चीखें गूंज रही मेरे इन कानों में
क्योंकि हर बच्चे के अश्रु ये कहते हैं
यूं ही नहीं होता कोई बच्चा

बाल अपराध का शिकार,
कुछ खुद से हार जाते हैं ,
तो कुछ भाग्य से मजबूर हो जाते हैं।

निष्ठुरो की इस दुनिया ने
कैसी नियति दिखलाई
कहीं भीख मंगवाया तो, कहीं मजदूरी करवाई

Devbhoomi Samachar

देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।

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