अर्ली इंटरवेंशन सेंटर की गतिविधियों से रूबरू हुए सीबीआईडी छात्र
(अंकित तिवारी)
देहरादून। राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान देहरादून में भारतीय पुनर्वास परिषद और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के तत्वाधान में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम दिव्यांगजन पुनर्वास पर छह महीने के समुदाय आधारित समावेशी विकास कार्यक्रम में पंजीकृत छात्र छात्राओं ने क्रॉस डिसेबिलिटी शीघ्र हस्तक्षेप केंद्र का शैक्षणिक भ्रमण किया । इस दौरान संस्थान के निदेशक डॉ हिमांगशु दास ने बताया कि यह पाठ्यक्रम हमारे देश को दिव्यांगजनो के पुनर्वास और विकास के लिए प्रशिक्षित मानव शक्ति विकसित करने में सक्षम बना सकता है ताकि समाज में उनकी आधिकारिता और समावेश को सुनिश्चित किया जा सके।
उन्होंने बताया कि जन्म से लेकर छह साल की उम्र के एक बच्चे के शारीरिक विकास,स्वस्थ, और संज्ञात्मक/बौद्धिक विकास के दृष्टिकोण से अत्यंत ही महत्वपूर्ण चरण होता है। ऐसे केंद्र का उद्देश्य ऐसे क्रॉस डिसेबिलिटी और समग्र बहु कार्यात्मक सुविधा युक्त चिकित्सीय हस्तक्षेप प्रदान करना है जिसके द्वारा दिव्यांगता के बोझ को कम किया जा सके , साथ ही साथ समावेशी शिक्षा के लिए ‘स्कूल सहजता’ हेतु बच्चे को तैयार किया जा सके ।
शैक्षणिक भ्रमण कार्यक्रम में संस्थान की फिजियोथैरेपिस्ट डॉ हुमांशी ने स्थान में संचालित गतिविधियों और सेवाओं से छात्र छात्राओं को रूबरू कराया ,साथ ही छात्र छात्राओं को संस्थान में बाल चिकित्सा केंद्र ,भौतिक थेरेपी, वाक थेरेपी ,खेल थेरेपी ,परिवार थेरेपी, ट्रांसडिसीप्लिनरी चिकित्सा (सामूहिक), बहु इंद्र एकीकरण चिकित्सा ,व्यवहार परिमार्जन एवं परामर्श ,बालक शिक्षा एवं प्रशिक्षण आदि कार्यक्रमों की जानकारी दी। कार्यक्रम की ट्रेनर सुश्री वीना ने बताया कि केंद्र में शिशु के पूर्ण विकास हेतु अनेक विशेषज्ञों द्वारा एक ही स्थान पर सभी सेवाएं प्रदान करना संस्थान का उद्देश्य है।
इस शैक्षणिक भ्रमण कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाले छात्र-छात्राओं में वैष्णवी ,निशा, गौरव, नीलम ,मोनिका, शिल्पी ,सौरभ यामिनी ,राहुल , अतुल आदि उपस्थित थे।