बेहतर जिंदगी

सुनील कुमार माथुर, जोधपुर
हर व्यक्ति को बेहतर जिंदगी जीने का अधिकार है और इसके लिए उसे नेक इंसान बनने, समय पर कार्य करने, अपने पड़ोसियों के साथ ही साथ सभी के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए। इतना ही नहीं अपने घर के आस पास, गली मौहल्ले, क्षेत्र, गांव, शहर और देश को स्वच्छ रखने, नशे से बचने और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के कार्य करने चाहिए। इससे बच्चों में प्रारंभ से ही देश प्रेम व देश भक्ति की भावना जागृत होगी और वे देश के आदर्श नागरिक बन पायेंगे।
इतना ही नहीं हमें अपने माता-पिता, बुजुर्गों की इज्जत करने के साथ ही साथ अच्छी शिक्षा प्राप्त करने और तमाम तरह की बुराइयों से दूर रहकर अपनी जिंदगी को बेहतर बनाना चाहिए जब हम नेक कार्य करेंगे तभी हमारा जीवन आदर्श जीवन बन पायेगा व आदर्श जीवन व्यतीत करने में जो आनंद की प्राप्ति होती है वैसा आनन्द अन्यत्र मिलना संभव नहीं है। नेक कार्य करने के लिए हर क्षण शुभ हैं और समय रहते उसे तुरंत कर डालिए। जिस समय भी मन में नेक कार्य करने की इच्छा जागृत हो बस उसी समय वह नेक कार्य कर डालिए, चूंकि कल कर लेंगे के चक्कर में वह फिर कभी भी नहीं हो पाता हैं। क्योंकि कल कभी आता भी नहीं है। जो करना हैं वह आज ही कर डालिए। परिणाम की इच्छा मत कीजिए। परिणाम जब भी आयेगा, तब श्रेष्ठ कार्य करने का परिणाम श्रेष्ठ ही आयेगा।
हर कार्य का आधार नैतिकता पर आधारित होना चाहिए। हमें रचनात्मक कार्य करते समय अपनी सोच को सकारात्मक रखना चाहिए व समय के साथ ही साथ समय के अनुसार पुरानी सोच में बदलाव करते हुए नवीन सोच में से अच्छी बातों को जीवन में आत्मसात करना चाहिए। जीवन में हर क्षण कुछ नया सीखते रहना चाहिए।
अणुव्रत आंदोलन नैतिक मूल्यों, देश भक्ति, आपसी भाईचारा, आपसी मेल-मिलाप व अहिंसा पर जोर देता है और इन्हीं गुणों को जीवन में अंगीकार करके हम अपने जीवन को संवार सकते हैं जीवन में केवल अपनी ही बात न करे़ अपितु दूसरों की भी सुनें और उन्हें भी अपनी बात कहने का मौका दीजिए। विचारों के आदान-प्रदान से ही तो एक बेहतर समाज का निर्माण होता हैं ।
हम जो भी पक्ष रखें उसका आधार नैतिक मूल्य होना चाहिए। आज व्यक्ति को अपनी सोच बदलनी होगी ताकि एक ऐसे समाज का निर्माण हो सके, जहां हर व्यक्ति अपनी जिंदगी के फैसले खुद लें सकें। हम समाज को नहीं सुधार सकते, लेकिन हम स्वयं बदले तो राष्ट्र स्वत: ही बदल जायेगा। कोई भी विचार किसी पर थोपें नहीं जा सकते। विचारों के लिए आपसी विचार-विमर्श, खुली चर्चा, श्रेष्ठ लेखन व दूसरों के श्रेष्ठ विचारों को पढ़ कर उन्हें जीवन में आत्मसात करके ही हम अपने जीवन को पहले से बेहतर व श्रेष्ठ बना सकते हैं।
Nice article