***
साहित्य लहर

अपनी जीत का यकीन है…

मो. मंजूर आलम उर्फ नवाब मंजूर

हम समझते रहे उन्हें अपना
वो अपना समझ ना सके
हम तो बड़े प्यार से पेश आए
वो भाषा प्यार की समझ ना सके

सुनने को तैयार नहीं कुछ भी
फिर भी हम गुनगुनाते रहे
कभी ग़ज़ल कभी कविता सुनाते रहे
आयी नहीं तब्दीली जरा भी उनके रुख़ पर

हमहीं अपना दु:खरा सुनाते रहे
कभी ले जाते चांद पर
तो कभी सितारों की सैर कराते रहे
जागी ना वो नींद से
आंखें बंद कर मुस्कुराते रहे

👉 देवभूमि समाचार के साथ सोशल मीडिया से जुड़े…

WhatsApp Group ::::
https://chat.whatsapp.com/La4ouNI66Gr0xicK6lsWWO

FacebookPage ::::
https://www.facebook.com/devbhoomisamacharofficialpage/

Linkedin ::::
https://www.linkedin.com/in/devbhoomisamachar/

Twitter ::::
https://twitter.com/devsamachar

YouTube ::::
https://www.youtube.com/channel/UCBtXbMgqdFOSQHizncrB87A

मैं भी छोड़ने वाला नहीं
चाहे तड़पाते रहें?
कितना भी वो?
कभी तो आएगा पल वो
जब चल पड़ेंगे साथ दोनों

डाल हाथों में हाथ
तारों से करते हुए बात
चांदनी में नहाते
धरती पर आते
देख हमें सैकड़ों सिर हिलाते
ताली बजाकर करते स्वागत
आओ जांबाज हम हैं नतमस्तक तेरे आगे!


¤  प्रकाशन परिचय  ¤

From »

मो. मंजूर आलम ‘नवाब मंजूर

लेखक एवं कवि

Address »
सलेमपुर, छपरा (बिहार)

Publisher »
देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड)

Devbhoomi Samachar

देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Verified by MonsterInsights