अजीब प्रथा : पति की मौत हो तो काट देते हैं पत्नी की उंगलियां
अजीब प्रथा : पति की मौत हो तो काट देते हैं पत्नी की उंगलियां, इंडोनेशिया के जंगलों में रहने वाली इस जनजाति का नाम दानी है। जब दानी जनजाति की महिलाओं का कोई अपना गुजर जाता है। यानी उसकी मौत हो जाती है…
इंडोनेशिया। दुनिया में मौत को लेकर कई तरह के रीति रिवाज हैं। इनमें से कुछ ऐसे हैं जिनके बारे में जानकर आप चौंक जाएंगे। ‘ये प्रथा अजीब है’ नाम की एक सीरीज चला रहा है, जिसमें दुनियाभर की हैरान करने वाली प्रथाओं के बारे में बताया जाएगा। आज कहानी इंडोनेशियाई की।
यहां जंगल में रहने वाली एक जनजाति की महिलाओं की उंगलियां कटी हुई मिलेंगी। कई महिलाओं की एक उंगली कटी होगी तो किसी को पांचों, अधिकतर बुजुर्ग महिलाओं के साथ ऐसा दिखेगा। आप के मन में सवाल आ रहा होगा कि आखिर ऐसा क्यों?
दरअसल, इस जनजाति की महिलाओं को लेकर एक रिवाज है, जिसके चलते उनकी उंगलियां काट दी जाती हैं। कई बार तो ऐसी नौबत एक बार ही आती है लेकिन कई बार दो से तीन उंगलियों को कुल्हाड़ी से काटना पड़ता है। इंडोनेशिया में रहने वाली एक जनजाति की महिलाओं की उंगलियां काट दी जाती हैं, जानें क्यों…?
इंडोनेशिया के जंगलों में रहने वाली इस जनजाति का नाम दानी है। जब दानी जनजाति की महिलाओं का कोई अपना गुजर जाता है। यानी उसकी मौत हो जाती है तो वे मानसिक पीड़ा के अलावा शारीरिक पीड़ा भी सहती हैं। दानी जनजाति में जब महिलाओं के प्रियजनों की मौत हो जाती है तो जनजाति की महिलाओं की उंगलियों के ऊपरी आधे हिस्से को काट दिया जाता है। यह माना जाता है कि उंगली काटने से मृत व्यक्ति की बेचैन आत्मा दूर रहती है। साथ ही यह शोक व्यक्त करने का प्रतीक है।
इस प्रथा को इकिपलिन नाम से जाना जाता है। कुछ साल पहले इंडोनेशियाई सरकार ने इसपर रोक लगा दिया था, लेकिन आज भी चोरी छुपे इस प्रथा को जिंदा रखा गया है। आज भी इस जनजाति की महिलाओं के हाथों की उंगलियों को काटा जा रहा है।
इस जनजाति के 250,000 से ज्यादा लोग पापुआ न्यू गिनी के ऊंचे इलाकों में रहते हैं। अमेरिका के रिचर्ड आर्कबोल्ड ने 1938 में इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों की खोज की थी। हालांकि यह प्रथा पहली बार कब शुरू हुई और पुरुषों के बजाय महिलाओं को क्यों निशाना बनाया जाता है यह पता नहीं है।
हालांकि, यह एक सामान्य अनुष्ठान है जो शोक की अवधि में होता है और आमतौर पर परिवार के किसी अन्य करीबी सदस्य द्वारा किया जाता है। कई बार कुल्हाड़ी के बिना भी उंगलियां काटी जाती है। ऐसे में पहले उगलियों को चबाया जाता है, फिर उसे रस्सी के जरिए काट दिया जाता है।
(साभार)
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