अपने दिल और दिमाग की डोर हमेशा अपने हाथ में रखिए
सुनील कुमार माथुर
इस संसार मे भांति-भांति के लोग रह्ते है और हर वक्त हर व्यक्ति कोई न कोई सीख दे ही जाता हैं लेकिन व्यक्ति को अपना दिल और दिमाग हमेंशा अपने हाथ में रखना चाहिए । हमेंशा सबकी बात सुने लेकिन आपको जो बात अच्छी लगे और आपका मन जिसे करने को राजी हो वहीं कार्य करें । किसी की देख-देख न करें । देखा-देखी में प्राय: नुकसान अपना ही होता हैं किसी और का नहीं । जब परमात्मा ने हमें सोचने समझने की शक्ति दी है तो दूसरों पर निर्भर क्यों ।
अपने जीवन में अंहकार को हावी न होने दें अन्यथा बनी बनाई बात बिगडने जायेगी । हर बात को नाप तौल कर करें । कोई भी बात कहने से पहलें सौ बार सोचे । अपनी भाषा व वाणी की सदैव मिठास रखें चूंकि कडवापन हमेंशा नुकसान ही करता हैं । मधुर वाणी से लोग प्रभावित होते हैं और समाज में मान –सम्मान व यश मिलता है ।
बिना मांगे किसी को भी कोई राय न दें l हर कार्य सोच समझ कर करें । कहीं ऐसा न हो कि हम बिना सोचे कोई कार्य कर करें और बाद में पछताना पड़े । जल्दबाजी में कभी कोई कार्य न करें । कहतें भी है कि दुर्घटना से देर भली । जीवन को शान से जीओ और खूब आनंद लों । लेकिन साथ ही साथ इस बात का भी ध्यान रहे कि हमारे कार्य से किसी का भी अहित न हो । हमें वह कार्य कभी नहीं करना चाहिए जिसे करने से दूसरों को नुकसान पहुंचे ।
जीवन में धन कमाना कोई बुरी बात नहीं है लेकिन मेहनत से कमाया गया धन ही वास्तविक धन कहलाता है और इसी से घर- परिवार में सुख शान्ति स्थापित होती है और घर में लक्ष्मी का वास रहता है अतः अपनी कमाई में से कुछ पैसा दान – पुणय एवं धर्म – कर्म के कार्य में भी खर्च करें । ऐसा करने से आपकी धार्मिक कार्य में रुचि बढेगी । आदर्श जीवन जीने के लिए कुशाग्र बुद्धि , सत्य , मृदुभाषी , परोपकारी होना नितांत आवश्यक है । यह तभी संभव हैं जब दिल और दिमाग की डोर आपके हाथ में हो ।
सुनील कुमार माथुर
३३वर्धमान नगर शोभावतो की ढाणी
खेमें का कुआ , पालरोड जोधपुर राजस्थान
¤ प्रकाशन परिचय ¤
From »सुनील कुमार माथुरलेखक एवं कविAddress »33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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