
हल्द्वानी | नैनीताल जिले में 10 वर्षीय मासूम अमित के जघन्य हत्याकांड में सोमवार को अंतिम संस्कार के दौरान उस समय सनसनी फैल गई, जब परिजनों ने शव में अंगुली और सिर के बाल न होने की बात कहते हुए अंत्येष्टि रोक दी। परिजनों का आरोप था कि बच्चे के साथ तंत्र क्रिया की गई है और जब तक अंगुली व बाल नहीं मिलते, वे शव को दफनाने नहीं देंगे। हालांकि, पुलिस और सितारगंज के पूर्व विधायक नारायण पाल के समझाने के बाद माहौल शांत हुआ और अंतिम संस्कार संपन्न कराया गया।
घटना राजपुरा स्थित मुक्तिधाम की है, जहां अमित का शव कफन में लिपटा हुआ लाया गया था। परिजन पहले बरेली स्थित पैतृक गांव में अंतिम संस्कार करना चाहते थे, लेकिन शव की स्थिति देखते हुए उन्होंने हल्द्वानी में ही अंतिम संस्कार का निर्णय लिया। विधि-विधान से क्रिया शुरू हुई, लेकिन जैसे ही कफन उठाया गया, परिजनों ने देखा कि एक अंगुली नहीं है और सिर के बाल भी गायब हैं। इससे वहां मौजूद लोग आक्रोशित हो गए और अंतिम संस्कार रोक दिया गया। परिजनों का कहना था कि यह घटना किसी तंत्र-मंत्र के तहत हुई है। गुस्से में उन्होंने पुलिस को घेरते हुए पूरी सच्चाई सामने लाने की मांग की।
पुलिस की जांच और सफाई
सूचना मिलने पर काठगोदाम पुलिस मौके पर पहुंची। पोस्टमार्टम हाउस के कर्मी को बुलाकर स्थिति स्पष्ट की गई। जांच में सामने आया कि बच्चे की अंगुली पहले से गल चुकी थी और पोस्टमार्टम के दौरान उसे अलग किया गया था। सिर के बाल भी पोस्टमार्टम की प्रक्रिया के दौरान हटाए गए होंगे। हल्द्वानी कोतवाल राजेश कुमार ने मौके पर परिजनों को सभी तथ्यों से अवगत कराया। पूर्व विधायक नारायण पाल ने भी परिवार से शांतिपूर्वक अंतिम संस्कार करने की अपील की। दोनों बिंदुओं पर स्पष्टता आने के बाद परिजनों ने अंत्येष्टि पूरी की। एसपी क्राइम डॉ. जगदीश चंद्र ने कहा कि पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और हर पहलू की जांच की। “सिर पर बाल थे, अंगुली भी बरामद हुई थी। पोस्टमार्टम हाउस में परिवार ने शव की शिनाख्त की थी,” उन्होंने बताया।
हत्याकांड का पूरा घटनाक्रम
मामला बरेली के शाही क्षेत्र के एक गांव का है, जहां किसान परिवार गौलापार क्षेत्र में रहता है। 4 अगस्त की दोपहर करीब 12:30 बजे उनका 10 वर्षीय बेटा अमित अचानक गायब हो गया। सीसीटीवी फुटेज में उसकी आखिरी लोकेशन घर के पीछे गली में मिली। शाम पांच बजे पुलिस ने संदेह के आधार पर एक परिवार के पांच सदस्यों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। अगले दिन भी कोई सुराग नहीं मिला। मंगलवार को बच्चे का सिर और एक हाथ कटा धड़ आरोपी के घर के पीछे से बरामद हुआ। सिर और हाथ की बरामदगी को लेकर परिजनों ने बुधवार से शुक्रवार तक कभी थाने, तो कभी चौकी में धरना दिया। शनिवार को पुलिस ने आरोपी के घर के पास से सिर और हाथ बरामद किए। पांच आरोपियों में से एक निखिल जोशी को मुख्य हत्यारोपी के रूप में गिरफ्तार किया गया।
पिता ने उठाई सीबीआई जांच की मांग
अंतिम संस्कार के दौरान अमित के पिता ने पुलिस की जांच पर असंतोष जताते हुए कहा, “मेरे बेटे की हत्या इतनी निर्ममता से हुई है कि यह किसी अकेले व्यक्ति के बस की बात नहीं। सिर और हाथ काटे गए, अंगुलियां भी काटी गईं। किसी न किसी ने आरोपी का साथ जरूर दिया होगा।” उन्होंने पूरी सच्चाई सामने लाने के लिए सीबीआई जांच की मांग की। अंतिम विदाई के वक्त मुक्तिधाम में मौजूद परिजन और स्थानीय लोग नम आंखों से विदा देते रहे, लेकिन पूरे माहौल में गम के साथ-साथ आक्रोश भी साफ झलक रहा था। लोग पुलिस से उम्मीद कर रहे हैं कि इस मामले में पूरी सच्चाई सामने लाकर दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाए।
यह मामला न केवल जघन्य अपराध की क्रूरता को उजागर करता है, बल्कि जांच और कानून-व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। अब देखने वाली बात होगी कि पुलिस की जांच आगे बढ़ती है या मामला सीबीआई के पास जाता है।