
[box type=”error” align=”alignleft” class=”” width=”100%”]गिरफ्त में आफताब, फिर भी जंगल में भटकती पुलिस, इससे भी जांच में काफी मदद मिल सकती है. कुल मिलाकर ये पूरा केस इस वक्त पूरी तरह से फोरेंसिक जांच पर ही टिका हुआ है.
पुलिस को गुमराह कर रहा है आफताब
दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक आफताब के घर से कुछ नॉवेल और लिटरेचर भी मिला है. जिससे पता चलता है कि उसे पढ़ने लिखने का भी शौक था. पुलिस सूत्रों के मुताबिक उसे क्राइम, क्राइम इनवेस्टिगेशन और फॉरेंसिक साइंस की भी अच्छी खासी जानकारी है. शायद यही वजह है कि तीन दिनों से पुलिस की हिरासत में होने के बावजूद वो पुलिस को सहयोग करने की बजाय उसे गुमराह ज्यादा कर रहा है. उसकी इसी होशियारी को देखते हुए ज्वाइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस रैंक के अफसर को पूछताछ की टीम में शामिल किया गया है.
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने महरौली के जंगल से कुल 13 हड्डियां बरामद की हैं. फोरेंसिक टीम को भी आफताब के किचन से कुछ ब्लड स्टेन मिले हैं. मगर ये हड्डियां और खून के निशान किसी इंसान के ही हैं, इस बात का खुलासा तो फोरेंसिक जांच के बाद ही होगा. अब दिल्ली पुलिस को उम्मीद है कि मौका-ए-वारदात यानी आफताब के फ्लैट के किचन और बाथरुम की ड्रेनेज लाइन से कुछ ना कुछ ऐसे सबूत ज़रूर मिलेंगे, जिससे ये साफ हो जाएगा कि श्रद्धा वॉल्कर का कत्ल हो चुका है.
तीन दिनों की पूछताछ के बाद दिल्ली पुलिस अब तक ना उस आरी को ढूंढ पाई है, जिससे श्रद्धा का कत्ल हुआ था. ना श्रद्धा का मोबाइल ढूंढ पाई है. और तो और जंगल से बरामद की गईं 13 हड्डियां श्रद्धा की लाश की ही हैं, ये भी फिलहाल पुलिस पुख्ता तौर पर नहीं कह रही है. यानी कुल मिलाकर इस वक्त की तस्वीर ये है कि कातिल के नाम पर आफताब तो पुलिस थाने में बंद है, लेकिन जिस श्रद्धा का कत्ल हुआ है, उसके कत्ल के कोई सबूत नहीं हैं.
पुलिस को भी इस बात का अहसास है, इसीलिए अब पुलिस आफताब की जुबान की बजाय उसके दिमाग से कत्ल का राज बाहर निकलवाना चाहती है. इस बीच अदालत ने आफताब के नार्को टेस्ट की इजाजत भी दे दी है. हालांकि पुलिस सूत्रों के मुताबिक अच्छी खबर ये है कि आफताब की निशानदेही पर महरौली के जंगलों और नालों से अब तक कुल 13 हड्डियां बरामद की गई हैं, जो हड्डियां बरामद हुई हैं वो सभी शरीर के पिछले हिस्से की हैं. खास कर री़ढ़ की हड्डी के निचले हिस्से की.
हालांकि आफताब ने उस फ्रिज को कई बार केमिकल से धोया और साफ किया, जिस फ्रिज में उसने करीब 20 दिनों तक श्रद्धा की लाश के टुकडे रखे थे. फोरेंसिक टीम ने फ्रिज से भी कई नमूने उठाए. फोरेंसिक एक्सपर्ट्स के मुताबिक कई बार साफ सफाई या केमिकल से धुलाई के बावजूद कोई ना कोई निशान या सबूत रह ही जाता है. इसी उम्मीद में फ्रिज के कुछ नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं. फोरेंसिक टीम के मशवरे पर दिल्ली पुलिस ने आफताब के घर से उसके कुछ कपड़े और चादर भी जब्त किए हैं, जिन्हें जांच के लिए भेजा गया है.
ऐसा इसलिए क्योंकि आफताब ने 20 दिनों तक लाशों के टुकड़े करने के बाद उन्हें ठिकाने लगाया था. बहुत मुमकिन है लाश के टुकड़े करते वक्त कुछ निशान उसके कपड़ों पर रह गए हों, इससे भी जांच में काफी मदद मिल सकती है. कुल मिलाकर ये पूरा केस इस वक्त पूरी तरह से फोरेंसिक जांच पर ही टिका हुआ है. इसीलिए दिल्ली पुलिस ने श्रद्धा के घरवालों के डीएनए सैंपल भी उनकी मर्जी से हासिल कर लिए हैं. बरामद हड्डियां और बाकी सबूत जब ये साबित कर देंगे कि हड्डियां इंसानी ही हैं, तो फिर श्रद्धा के घरवालों के डीएनए सैंपल से इनका मिलान कराया जाएगा. जिससे ये साबित होगा कि लाश के ये टुकड़े श्रद्धा के ही हैं.
कातिल को कातिल साबित करने के लिए चाहिए सबूत
अमूमन किसी बडे जुर्म के बाद पुलिस मुजरिमों के पीछे भागती नजर आती है, पर हाल के वक्त का शायद ये इकलौता ऐसा केस है, जिसमें कातिल पुलिस की गिरफ्त में है, फिर भी पुलिस जंगल-जंगल भटक रही है. भटक रही है क्योंकि कातिल को कातिल साबित करने के लिए सबूत चाहिए. और फिलहाल सबूत इसी जंगल में ही कहीं छुपा हुआ है.
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