Day: December 9, 2022
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साहित्य लहर
कविता : बोनसाई
बोनसाई, जब कोई तुम्हारी जड़ों से, धीरे धीरे काटे तुम्हीं को, जब कोई तुम्हारी शाख से, धीरे धीरे टहनियों को…
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बोनसाई, जब कोई तुम्हारी जड़ों से, धीरे धीरे काटे तुम्हीं को, जब कोई तुम्हारी शाख से, धीरे धीरे टहनियों को…
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