फर्जी पंजीकरण कर हड़प गए 11 लाख की छात्रवृत्ति
8 नवंबर 2019 में आशुतोष गर्ग ने एसएसपी से शिकायत कर कोतवाली शहर में दंपती सहित जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण कार्यालय के कर्मचारियों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने विवेचना करते दंपती के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।
मथुरा। उत्तर प्रदेश के मथुरा में छात्र-छात्राओं का फर्जी तरीके से पंजीकरण कर करीब 11 लाख रुपये की छात्रवृत्ति हड़पने का मामला सामने आया। मामले में ऊर्जित इंफोटेक कंप्यूटर सेंटर के संचालक दंपती के खिलाफ दर्ज मुकदमे में पुलिस जांच पूरी हो गई है। पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। कोर्ट ने इस पर संज्ञान लेते हुए आरोपी दंपती को 24 जनवरी को तलब किया है।
उर्जित इन्फोटेक कंप्यूटर सेंटर के संचालक दपंती प्रदीप फौजदार और मिताली फौजदार निवासी राधानगर, मथुरा ने जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण कार्यालय के कर्मचारियों के साथ मिलकर वर्ष 2010-11, 2013-14, 2014-15 तथा 2015-16 में पिछड़े वर्ग के छात्रों को भारत सरकार से मान्यता प्राप्त ”ओ” लेवल कंप्यूटर कोर्स में प्रशिक्षण के नाम पर 10 लाख 90 हजार रुपये के सरकारी धन का गबन करने का आरोप है।
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आरटीआई कार्यकर्ता आशुतोष गर्ग ने सूचना के अधिकार का प्रयोग करते इस घोटाले को उजागर किया था। इस पर विभाग ने दंपती से 4 लाख 20 हजार की वसूली कर उर्जित इन्फोटेक कंप्यूटर सेंटर को निरस्त कर दिया। लेकिन, सरकारी धन के गबन तथा धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज नहीं कराई।
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वहीं, मार्च 2018 तथा मई 2019 में उर्जित इन्फोटेक कंप्यूटर सेंटर के संचालक दंपती द्वारा भारत सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा सीसीसी परीक्षा में सरकारी कंप्यूटर के नेटवर्क को हैक कराकर नकल कराने का दोष साबित होने पर भी इस सेंटर को ब्लैकलिस्ट किया गया।
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8 नवंबर 2019 में आशुतोष गर्ग ने एसएसपी से शिकायत कर कोतवाली शहर में दंपती सहित जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण कार्यालय के कर्मचारियों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने विवेचना करते दंपती के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।
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