मन पर नियंत्रण रखें
मन पर नियंत्रण रखें… आप बेईमानी करके कितना भी धन कमा लीजिए लेकिन उस धन से आप चैन की नींद, मन की शांति नहीं खरीद सकते। यह तो अच्छे कर्म करके ही पा सकते हो। इसलिए आज से ही समाज सेवा व परोपकार करने के कार्य आरम्भ कर दीजिए और किसी का भी दिल न दुखाएं। #सुनील कुमार माथुर, जोधपुर, राजस्थान
मानव अपने आप पर तो नियंत्रण रख सकता है और दूसरों को भी शक्ति के बल पर नियंत्रित कर सकता है लेकिन अपने मन पर वह नियंत्रण नहीं रख सकता है। मन तो पल में यहां है तो पल में दूसरी जगह। उसका कोई ठिकाना नहीं कि वह कब कहां पहुंच जाये। इसलिए व्यक्ति को अपने मन पर नियंत्रण करने के लिए निरन्तर अभ्यास करते रहना चाहिए। जब एक मदारी बंदर को नियंत्रित कर सकता है व एक सर्कस में रिंग मास्टर शेर पर नियंत्रण कर सकता है तो अभ्यास करके हम भी मन पर नियंत्रण कर सकते है।
जीवन की मिठास – जीवन में कड़वाहट नहीं होनी चाहिए अपितु मिठास होनी चाहिए। दूध में शक्कर डालने से वह मीठा हो जाता है और फिर हम उसे मीठा दूध ही कहते हैं फिर दूध में से निकाल कर शक्कर को अलग से नही दिखा सकते। लेकिन इसी दूध में नींबू की बूंदें पड जाती है तो वह दूध को फाड देती है। ठीक इसी प्रकार सच्चे दोस्त जो होते है वे सदैव एक दूसरे को जोडने का कार्य करते है लेकिन जो दुश्मन व हमारे शत्रु होते है वे नींबू की बूंदें बन कर संबंधों को बिगाड़ने का कार्य करते हैं। इसलिए जीवन में संबंध बनाना हो तो सोच समझ कर ही बनाये जल्दबाजी में नहीं।
कभी तो सब्र करें – आज का इंसान हाय राम हाय राम नहीं। हाय धन हाय धन कर रहा है। अनाप-शनाप कमाने के बावजूद उसे सब्र नहीं है। उसे खुद को भी पता नहीं है कि उसे कितना कमाना है और किसके लिए कमाना है। खाली हाथ आये है और खाली हाथ ही जायेगे तो फिर यह बेईमानी, हेराफेरी, कालाबाजारी, धोखाधड़ी क्यों कर रहे हो। अच्छे कर्म कीजिए वे ही आपके साथ जायेगे। परमात्मा आपके कर्मों का ही लेखा जोखा देखेगे। किसी भी प्रकार की डिग्री, योग्यता, बैंक बैलेंस व आपकी पास बुक देखने वाले नहीं हैं।
आप बेईमानी करके कितना भी धन कमा लीजिए लेकिन उस धन से आप चैन की नींद, मन की शांति नहीं खरीद सकते। यह तो अच्छे कर्म करके ही पा सकते हो। इसलिए आज से ही समाज सेवा व परोपकार करने के कार्य आरम्भ कर दीजिए और किसी का भी दिल न दुखाएं। समाज सेवा से बढ कर कोई भी बडी सेवा नही है और इसकी लिस्ट भी बहुत ही बडी है। बस आप अपनी सामर्थ्य के अनुसार नेक कार्य कीजिए।