उत्तराखण्ड समाचार

परिवहन निगम सख्त : अनुबंधित रोडवेज बसें न चलाईं तो 50 हजार का जुर्माना

सोमवार को बस संचालन ठप होने के दौरान आईएसबीटी पर कई चालक परेशान भी दिखे। उनका कहना था कि रोजी रोटी के लिए वह बस चलाने को तो तैयार हैं लेकिन देशभर में चल रहे विरोध के बीच अगर कहीं कोई अनहोनी हो गई तो उसका जिम्मेदार कौन होगा।

देहरादून। नए मोटर दुर्घटना कानून के विरोध में रोडवेज बस सेवा प्रभावित होने पर परिवहन निगम ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। निगम ने आदेश जारी किया है कि अगर मंगलवार से निर्धारित शेड्यूल पर अनुबंधित बसें उपलब्ध न कराई गईं तो प्रति बस प्रतिदिन 50 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा।

निगम के मंडलीय प्रबंधक संजय गुप्ता ने आदेश में कहा है कि इससे एक ओर जहां यात्री परेशान रहे तो वहीं परिवहन निगम की छवि धूमिल हुई। निगम को आर्थिक हानि भी हुई। उन्होंने इसे अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन बताया है।

सभी अनुबंधित बसों के मालिकों को निर्देश दिया है कि तत्काल समय सारिणी के हिसाब से बसें चलाएं। इसकी सूचना केंद्र प्रभारी को उपलब्ध कराएं। अगर बस न भेजीं तो 50 हजार रुपये प्रतिदिन प्रति बस के हिसाब से जुर्माना लगेगा जो कि निगम उनके बिल से काट लेगा। साथ ही अनुबंध खत्म करने की कार्रवाई भी शुरू कर दी जाएगी।

सोमवार को बस संचालन ठप होने के दौरान आईएसबीटी पर कई चालक परेशान भी दिखे। उनका कहना था कि रोजी रोटी के लिए वह बस चलाने को तो तैयार हैं लेकिन देशभर में चल रहे विरोध के बीच अगर कहीं कोई अनहोनी हो गई तो उसका जिम्मेदार कौन होगा।

अगर उत्तराखंड से बाहर बस ले गए और किसी अन्य राज्य में दूसरे परिवहन व्यावसायियों ने कोई नुकसान कर दिया तो क्या होगा। इस वजह से वह सोमवार को बस नहीं चला पाए।


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