डायट देहरादून में वेटिंग प्रशिक्षुओं ने वृक्षारोपण कर दिया…
डायट देहरादून में वेटिंग प्रशिक्षुओं ने वृक्षारोपण कर दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश
डायट देहरादून में वेटिंग प्रशिक्षुओं ने वृक्षारोपण कर दिया…उन्होंने कहा कि वे जानते हैं कि जलवायु परिवर्तन एक गंभीर समस्या है और हमें इससे निपटने के लिए मिलकर प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण इस समस्या से लड़ने का एक छोटा सा लेकिन महत्वपूर्ण तरीका है। #अंकित तिवारी
देहरादून जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) देहरादून में आज एक प्रेरणादायक पहल देखने को मिली। डीएलएड सत्र 2019-2020 के वेटिंग प्रशिक्षुओं ने अपने अंतिम सेमेस्टर के अंतिम दिन पर संस्थान परिसर में वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता पैदा करना और सभी को प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम में प्रशिक्षुओं ने विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए, जिनमें फलदार वृक्ष, छायादार वृक्ष और औषधीय पौधे शामिल थे। उन्होंने पौधों की देखभाल करने और उन्हें नियमित रूप से पानी देने का भी संकल्प लिया। इस अवसर पर राजकीय शिक्षक संघ के अध्यक्ष एवं संस्थान के कार्यवाहक प्राचार्य राम सिंह चौहान ने प्रशिक्षुओं की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
उन्होंने कहा कि पेड़ हमारे जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और हमें इनकी रक्षा करनी चाहिए। उन्होंने प्रशिक्षुओं से आग्रह किया कि वे अपने घरों और समाज में भी वृक्षारोपण करें और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें। वेटिंग प्रशिक्षुओं ने कहा कि उन्होंने यह कार्यक्रम इसलिए आयोजित किया क्योंकि वे पर्यावरण के प्रति अपनी चिंता व्यक्त करना चाहते थे।
उन्होंने कहा कि वे जानते हैं कि जलवायु परिवर्तन एक गंभीर समस्या है और हमें इससे निपटने के लिए मिलकर प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण इस समस्या से लड़ने का एक छोटा सा लेकिन महत्वपूर्ण तरीका है।
यह वृक्षारोपण कार्यक्रम डायट देहरादून के छात्रों द्वारा की गई एक सराहनीय पहल है। यह हमें प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी याद दिलाता है और हमें पर्यावरण संरक्षण के लिए मिलकर काम करने के लिए प्रेरित करता है। प्राचार्य ने सत्र 2019-20 प्रतीक्षा सूची के प्रशिक्षुओं के उज्जवल भविष्य की कामना की और जल्दी सेवा में आने का आशीर्वाद दिया।
(इस लेख के लेखक अंकित तिवारी, शोधार्थी, अधिवक्ता एवं पूर्व विश्वविद्यालय प्रतिनिधि हैं।)